नई दिल्ली: अपने एक बयान को लेकर घिरे AIMIM नेता वारिस पठान ने माफी मांग ली है। उन्होंने अपने बयान को भी वापस ले लिया है। हालांकि उन्होंने कहा कि उनके बयान को गलत तरीके से पेश किया गया, उनके खिलाफ भ्रम फैलाया जा रहा है। शनिवार को उन्होंने कहा, 'मेरे बयान को राजनीतिक साजिश के तहत मुझे और मेरी पार्टी को निशाना बनाने और बदनाम करने के लिए गलत तरीके से पेश किया जा रहा है। हालांकि, मैं अपने शब्दों को वापस लेता हूं अगर वे किसी को चोट पहुंचाते हैं तो माफी मांगता हूं।'
वारिस पठान ने दिया था ये बयान
हाल ही में एक जनसभा को संबोधित करते हुए पठान ने कहा था, 'जनसभा को संबोधित करते हुए पठान ने कहा, 'जबान की आतिशबाजी का मुकाबला ये नहीं कर सकते हैं याद रखना इस बात को। ईंट का जवाब पत्थर से देना सीख लिया है अब हमने। मगर ये याद रखना कि इकट्ठा होकर चलना पड़ेगा। आजादी लेनी पड़ेगी और जो चीज मांगने से नहीं मिलती है उसे छीन कर लेना पड़ेगा। अब वक्त आ गया है, हमको बोला मां-बहनों को आगे भेज दिया है। अरे भाई अभी तो केवल शेरनियां बाहर निकली हैं और तुम्हारे पसीने छूट गए। समझ लो कि दोनों लोग साथ में आ गए तो क्या होगा। 15 करोड़ हैं मगर एक सौ पर भारी हैं याद रखना इस बात को। ये याद रखना।'
अब बचाव में ये बोले पठान
अब अपने बयान का बचाव करते हुए पठान ने कहा, 'मेरा सिर्फ इतना कहना था कि CAA के नाम पर 15 करोड़ मुसलमान नाराज हैं। संविधान में विश्वास रखने वाले दूसरे धर्म के लोग भी इसमें शामिल हैं और विरोध कर रहे हैं। शेरनी जैसी हमारी बहनें सड़क पर बैठकर अपना विरोध जता रही हैं। सिर्फ 100 लोग ही मुसलमान के खिलाफ हैं। चाहे ये बीजेपी के हो, आरएसएस के हो। मैंने इन्हीं 100 की बात की थी।'
उन्होंने कहा कि मैं हर धर्म का सम्मान करता हूं। मैंने ऐसी कोई बात नहीं की जिसका गलत मतलब निकालकर मुझे निशाना बनाया जा रहा है। मैं एक सच्चा मुसलमान हूं, जिसे बचपन से ही मुल्क से मोहब्बत करना सीखाया जाता है। देश के प्रति मेरी भावना पर कोई सवाल नहीं उठा सकता है।
पठान के खिलाफ FIR
बयान के लिए वारिस पठान के खिलाफ कर्नाटक के कालाबुरागी में FIR दर्ज की गई। पठान पर दंगा भड़काने के इरादे से उकसाना और विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने के धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया। प्राथमिकी एक निजी वकील द्वारा शिकायत पर दायर की गई।