- आकाश मिसाइल की क्षमता को वायुसेना ने परखा
- सर्फेल टू एयर मिसाइल है आकाश
- चीन से तनाव के बीच आकाश मिसाइल को अपग्रेड किया गया है।
नई दिल्ली। भारतीय वायुसेना दुनिया के पेशेवर एयरफोर्स में से एक है। वायुसेना ने साबित किया है कि वो किस तरह से दुश्मन के ठिकानों को तबाह करने में सक्षम है। इस समय जब एलएसी पर चीन के साथ भारत का तनाव है उसके बीच भारतीय वायुसेना अपनी क्षमता को लगातार परख रही है। आईएएफ ने 10 आकाश मिसाइल के जरिए दुश्मनों के फाइटर प्लेन को अलग अलग पोजिशन में मार गिराया। भारतीय वायुसेना मे 10 आकाश एयर डिफेंस मिसाइल के परीक्षण के जरिए भारतीय वायुसीमा के उल्लंघन के दौरान मार गिराया गया। आंध्र प्रदेश के सूर्यलंका टेस्टफायरिंग रेंज में पिछले हफ्ते जो टेस्ट किए गए थे वो अपने निशाने पर सटीक बैठे थे।
आकाश बेहतरीन मिसाइल में से एक
आकाश मिसाइल को पूरी तरह स्वदेशी और इसे महत्वपूर्ण सर्फेस टू एयर मिसाइल सिस्टम माना जाता है। इसमें बेहतरी लाने के लिए डीआरडीओ की तरफ से कड़ी मेहनत की जाती रही है। डीआरडीओ ने हाल में चल रहे तनाव के बीच कुछ खास बदलाव भी किए थे। इसे खासतौर जे-20 फिफ्ट जेनरेशन फाइटर मिसाइल के तौर पर अपग्रेड किया गया है।
डीआरडीओ ने आकाश को किया है अपग्रेड
इस मिसाइल सिस्टम को दूसरे सिस्टम के साथ जोड़ा गया है ताकि दुश्मनों के फाइटर प्लेन पर आकस्मिक तौर पर हमला किया जा सके। हाल ही में कैबिनेट कमेटी ऑन सेक्यूरिटी ने मिसाइल सिस्टम के लात स्क्वाड्रन के लिए वायुसेना को 55 सौ करोड़ रुपए देने का फैसला किया है।खासतौर से आकाश मिसाइल सिस्टम को पाकिस्तान और चीन की सीमा पर तैनात किया जाएगा ताकि इन दोनों देशों की हिमाकत का जवाब दिया जा सकेष इस सिस्टम के जरिए लगातार दुश्मनों के एयरक्राफ्ट पर ड्रोन और सर्विलांस एयरक्राफ्ट के जरिए नजर रखने की योजना पर भी काम किया जा रहा है।