- दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण की स्थिति लगातार गंभीर बनी हुई है
- दिल्ली में रविवार को भी वायु गुणवत्ता 'खराब श्रेणी' में दर्ज की गई
- NCR के कई शहरों में AQI 400 को पार गया है, जो गंभीर श्रेणी में है
नई दिल्ली : राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और आसपास के इलाकों में हवा अब भी 'जहरीली' बनी हुई है। प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए कई कदम उठाए गए हैं, पर इनका फौरी असर होता नजर नहीं आ रहा है। पराली जलाने की घटनाओं में भी कमी आई है, लेकिन इसका बहुत असर प्रदूषण नियंत्रण पर नजर नहीं आ रहा है। आज तेज हवा के चलने के बाद ही प्रदूषक तत्वों के वायुमंडल में बिखराव और प्रदूषण की समस्या से कुछ हद तक राहत की उम्मीद है।
दिल्ली में हवा की गुणवत्ता रविवार को भी 'बेहद खराब' श्रेणी में दर्ज की गई, जबकि एनसीआर के कई शहरों नोएडा, गाजियाबाद, फरीदाबाद, गुरुग्राम में भी कमोवेश यही स्थिति देखी गई। दिल्ली में प्रदूषण के लिए पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने की घटनाओं को भी अहम कारक समझा जाता है, लेकिन बीते कुछ समय में इसमें उल्लेखनीय कमी के बावजूद यहां प्रदूषण की समस्या गंभीर बनी हुई है।
दिल्ली-एनसीआर में सुधर नहीं रहे हालात
वायु गुणवत्ता पर नजर रखने वाली केंद्र सरकार की एजेंसी SAFAR के मुताबिक, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में रविवार सुबह करीब 6 बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 347 दर्ज किया गया, जो 'बेहद खराब' श्रेणी में आता है। हवा में प्रदूषक तत्व PM10 की मात्रा 301 दर्ज की गई, जो 'खराब' श्रेणी के अंतर्गत आता है, जबकि PM2.5 की मात्रा 181 दर्ज की गई, जो 'बहुत खराब' श्रेणी में है।
दिल्ली-एनसीआर के प्रदूषण में PM2.5 की मात्रा चिंताजनकर स्तर पर बनी हुई है, जो फेफड़ों को बुरी तरह प्रभावित करता है। दिल्ली के साथ-साथ एनसीआर के कई शहरों में भी प्रदूषण की समस्या विकराल बनी हुई है। एनसीआर के कई इलाकों में AQI 400 को पार कर गया है। दिल्ली से सटे उत्तर प्रदेश के नोएडा में हवा में PM10 की मात्रा जहां 455 (गंभीर श्रेणी) दर्ज की गई, वहीं PM2.5 की मात्रा यहां 360 (बहुत खराबर श्रेणी) दर्ज की गई है।
तेज हवाओं के साथ राहत की उम्मीद
वहीं, हरियाणा के गुरुग्राम में वायु गुणवत्ता का स्तर अपेक्षाकृत बेहतर पाया गया है। यहां हवा में PM2.5 की मात्रा 336 (बहुत खराब श्रेणी) और PM10 की मात्रा 187 (औसत श्रेणी) पाई गई है। प्रदूषण की इस स्थिति से आज तेज हवा चलने के बाद कुछ हद तक निजात मिलने का अनुमान जताया गया है। SAFAR के मुताबिक, 21-23 नवंबर के बीच हवा की रफ्तार तेज होने का अनुमान है, जिससे वातावरण में संघनित प्रदूषक तत्वों का बिखराव होगा और हवा की गुणवत्ता सुधर सकेगी।