Aircraft Amendment Bill को संसद की मंजूरी मिल गई है, इसके मुताबिक अब एयरपोर्ट पर सुरक्षा मानकों के उल्लंघन पर अब कड़े प्रावधान लागू होंगे और यदि कोई इसका उल्लंघन करता हुआ पाया जाएगा तो उसे 1 करोड़ का दंड लगेगा पहले जुर्माना राशि 10 लाख रूपये थी जिसे 10 गुना बढ़ा दिया गया है।
बजट सत्र में लोकसभा में इस बिल को मंजूरी दी गई थी बताया जा रहा है इस बिल के प्रावधान के मुताबिक विमान में हथियार, गोला बारूद या खतरनाक वस्तुएं ले जाने या विमान की सुरक्षा को किसी भी प्रकार से खतरे में डालने का दोषा पाया जाने पर सजा के अलावा जुर्माना राशि पर भी बढ़ाने का प्रस्ताव है।
वहीं केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा है कि भारत में 2019 में विमान दुर्घटना की दर प्रति दस लाख उड़ानों पर 0.82 प्रतिशत रही है जबकि वैश्विक दर 3.02 प्रतिशत है। इस लिहाज से भारत बेहतर हवाई सुरक्षा प्रदान करने वाले देशों में शुमार है।
पुरी ने ट्वीट किया, 'भारत के विमानन सुरक्षा रिकॉर्ड की रटी-रटाई धारणा से परे, मैं एक बार फिर दोहराना चाहता हूं कि हम दुनिया में बेहतर सुरक्षा रिकॉर्ड/संकेतकों वाले देशों में शामिल हैं।' भारत में 2019 में विमान दुर्घटना की दर प्रति दस लाख उड़ानों पर 0.82 प्रतिशत है जबकि वैश्विक औसत 3.02 फीसदी है।पुरी ने कहा, 'इसे 2014 के आंकड़ों से तुलना कर बेहतर तरीके से समझा जा सकता है, जब भारत में विमान दुर्घटनाओं की दर प्रति दस लाख उड़ानों पर 2.8 प्रतिशत थी।' केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि हम विमानन सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिये सभी कदम उठा रहे हैं।
कांग्रेस ने लगाया हवाईअड्डों पर एकाधिकार का आरोप
कांग्रेस ने देश में छह हवाईअड्डों के निजीकरण की जांच की मांग करते हुए राज्यसभा में मंगलवार को आरोप लगाया कि ऐसा नियम व कानूनों की धज्जियां उड़ाकर किया जा रहा है। वहीं भाजपा ने इस आरोप को खारिज करते हुए कहा कि मोदी शासनकाल में पूर्ण पारदर्शिता बरती जा रही है। वायुयान (संशोधन) विधेयक, 2020 पर चर्चा की शुरुआत करते हुए कांग्रेस सदस्य के सी वेणुगोपाल ने आरोप लगाया कि सरकार हवाईअड्डों के विकास करने के नाम पर उनका निजीकरण करके ‘भाई-भतीजावाद वाले पूंजीवाद’ को प्रोत्साहित कर रही है।उन्होंने आरोप लगाया, 'भारतीय हवाई अड्डों पर एकाधिकार कायम करने का प्रयास किया जा रहा है। भविष्य में, सभी भारतीय हवाईअड्डों पर केवल एक कंपनी का स्वामित्व होगा... आप इसे कैसे अनुमति दे सकते हैं ... हवाई अड्डों को किसी एक निजी कंपनी को सौंपने के लिए नियमों और कानूनों का स्पष्ट उल्लंघन हो रहा है। यह सार्वजनिक धन का स्पष्ट रूप से घोटाला है।' उन्होंने कहा, 'हम इस मामले में जांच की मांग करते हैं। यह भ्रष्टाचार का स्पष्ट मामला है।'