- सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि चीन पर उनकी पार्टी का रुख स्पष्ट है
- अखिलेश ने भाजपा से कहा है कि वह कांग्रेस वाली गलती न दोहराए
- 1962 के युद्ध में चीन के हाथों भारत को मिली थी शिकस्त, उस समय कांग्रेस की सरकार थी
नई दिल्ली : पूर्वी लद्दाख सहित वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर जारी तनाव के बीच समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने प्रतिक्रिया दी है। अखिलेश ने गुरुवार को कहा कि चीन के बारे में उनका पार्टी का स्पष्ट रुख है। सपा अध्यक्ष ने कहा कि चीन के बारे में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को कांग्रेस की गलती दोहरानी नहीं चाहिए। अशिलेश का इशारा 1962 में भारत-चीन युद्ध की तरफ है। इस युद्ध में भारत को हार का सामना करना पड़ा था।
'चीन पर सपा का रुख स्पष्ट है'
आजमगढ़ से सांसद अखिलेश ने कहा, 'चीन के मसले पर उनकी पार्टी का रुख स्पष्ट है। कांग्रेस ने जो गलती की उसे भारतीय जनता पार्टी को नहीं दोहराना चाहिए।' बता दें कि इस समय चीन के साथ तनाव चरम पर पहुंच गया है। पूर्वी लद्दाख की गई जगहों पर दोनों देशों की सेनाएं आमने-सामने हैं। कई जगहों पर दोनों तरफ की फौजें एक-दूसरे की फायरिंग रेंज में हैं। चीन की मंशा को भांपते हुए भारतीय सेना ने अपनी तैयारियों को और पुख्ता कर लिया है। पूरे एलएसी पर सेना ने अपनी हलचल तेज कर दी है।
सीमा पर भारत और चीन के बीच तनाव
गत अप्रैल-मई के महीने से चीन की सेना एलएसी की स्थिति में बदलाव की एकतरफा कोशिश की जिसका कि भारतीय सेना ने विरोध किया। गत 15 जून को पीएलए ने एक ऐसी ही कोशिश की जहां दोनों सेनाओं के बीच हिंसक झड़प हुई। इस हिंसक झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हुए। बताया जाता है कि यहां चीन के सैनिक भी बड़ी संख्या में हताहत हुए लेकिन चीन ने अपने सैनिकों के मारे जाने के बारे में कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया। अमेरिकी रिपोर्टों में चीन के करीब 40 सैनिकों के मारे जाने की बात कही गई है।
दोनों देशों के बीच कई दफे हुई बातचीत
सीमा पर तनाव कम करने के लिए भारत और चीन के बीच कूटनीतिक एवं सैन्य स्तर पर कई दफे बातचीत हो चुकी है। इस तनाव को कम करने के लिए पिछले दिनों मास्को में भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर की अपने चीनी समकक्ष यांग यी के साथ बातचीत हुई। इस बैठक में सीमा पर गतिरोध एवं तनाव खत्म करने के लिए पांच बिंदुओं पर सहमति बनी लेकिन हालात में बदलाव नहीं हुए हैं। एलएसी के ताजा हालात की जानकारी संसद को देते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत शांति चाहता है लेकिन वह युद्ध के लिए भी तैयार है।