- साल 2014 में रिकॉर्ड 3.72 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने दर्शन किए थे।
- पहली बार, यात्रियों की सुरक्षा के लिए RFID का इस्तेमाल किया जा रहा है।
- 1990 से 2017 के बीच अमरनाथ यात्रा पर कुल 36 आतंकी हमले हो चुके हैं।
Amarnath Yatra: करीब दो साल बाद फिर से अमरनाथ यात्रा कल (30 जून) से शुरू हो रही है। अब तक यात्रा के लिए 3 लाख श्रद्धालुओं ने रजिस्ट्रेशन करा लिया है। पिछले 9 साल का का रिकॉर्ड देखा जाय तो, श्रद्धालुओं का आंकड़ा इस बार रिकॉर्ड बना सकता है। इन 9 वर्षों में अब तक सबसे ज्यादा श्रद्धालु साल 2014 में पहुंचे थे। उस साल 3.72 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने बर्फानी बाबा के दर्शन किए थे। पिछले 30 साल से अमरनाथ यात्रा पर आतंकियों का साया रहा है। ऐसे में इस बार भी सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। और सबसे बड़ी चुनौती स्टिकी बम और ड्रोन हमले की है। इस बार यात्रा 43 दिनों तक चलेगी।
अनुच्छेद 370 हटने के बाद पहली यात्रा
जम्मू और कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद यह पहली अमरनाथ यात्रा है। ऐसे में सुरक्षा को लेकर बेहद कड़े इंतजाम है। खास तौर पर मई और जून के महीने में हुई टारगेट किलिंग को देखते हुए बड़े पैमाने पर सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं। न्यूज एजेंसी के अनुसार इस बार बम विस्फोटकों को पहचान के लिए 130 खोजी कुत्तों का भी इस्तेमाल किया जा रहा है। इसके अलावा एंट्री रूट लखनपुर, यात्रा के रास्ते और जंगलों भी सुरक्षा बलों की विशेष तैनाती की गई है। आतंकी हमले के खतरे को देखते हुए पिछले दो महीने में 58 आतंकी मारे जा चुके हैं।
साल | श्रद्धालुओं की संख्या |
2013 | 3,53,969 |
2014 | 3,72,909 |
2015 | 3,52,771 |
2016 | 2,20,490 |
2017 | 2,60,003 |
2018 | - |
2019 | 3,42,883 |
2022 | अब तक करीब 3 लाख रजिस्ट्रेशन |
पहली बार RFID का इस्तेमाल
अमरनाथ यात्रा में पहली बार, यात्रियों की सुरक्षा के लिए RFID यानी रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन तकनीकी का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसके लिए सभी यात्रियों को RFID कार्ड दिया जाएगा। जो एक चिप की तरह होती है। यह लगातार रेडियो तरंगों को उत्पन्न करती रहती है। जिसके जरिए ट्रैकिंग सिस्टम से व्यक्ति या वस्तु की मूवमेंट को ट्रैक किया जाता है। अमरनाथ यात्रा में इसका फायदा यह होगा कि हर पल वाहनों और यात्रियों पर नजर रहेगी। जिससे किसी आतंकी हमले से उनकी सुरक्षा की जा सके।
लाइव दर्शन का भी इंतजाम
17 मई को यात्रा को लेकर हई गृह मंत्रालय की बैठक में बर्फानी के ऑनलाइन लाइव दर्शन, पवित्र अमरनाथ गुफा में सुबह और शाम की आरती का सीधा प्रसारण करने का फैसला किया गया था । रास्ते में यात्रियों के अलावा देश और दुनिया के दूसरे हिस्से में बैठे लोग भी लाइव दर्शन कर सकें। इसके अलावा रास्ते में वाई-फाई सुविधा देने की भी तैयारी है। जिससे इंटरनेट सेवाएं भी मिल सकें इसके अलावा एक दिन में हेलिकॉप्टर से भी दर्शन करने की सुविधा मिलेगी।
अब तक 36 बार हो चुका है आतंकी हमला
अमरनाथ यात्रा पर पहली बार साल 1993 में आतंकी हमला किया गया था। 2017 में तत्कालीन केंद्रीय गृह राज्य मंत्री हंस राज अहीर ने लोकसभा में बताया था कि 1990 से 2017 के बीच अमरनाथ यात्रा पर कुल 36 आतंकी हमले हो चुके हैं। जिसमें 53 तीर्थ यात्री मारे गए , जबकि 167 यात्री घायल हुए। सबसे बड़ा हमला साल 2000 में हुआ था। जिसमें आतंकियों ने 2 अगस्त 2000 को यात्रियों के पहलगाम बेस कैंप पर हमला किया था। आतंकियों का अंधाधुंध फायरिंग में 32 तीर्थ यात्रियों, दुकानदारों और पोर्टरों की मौत हो गई थी। जबकि 60 लोग घायल हुए थे। इसके अलावा 2019 में आतंकी खतरे को देखते हुए अमरनाथ यात्रा को छोटा कर दिया गया था।