- 2014 में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने अमित शाह
- उनके कार्यकाल के दौरान बीजेपी ने सफलता के नए आयाम गढ़े
- 2019 में देश के गृह मंत्री बने अमित शाह, लिए कई बड़े फैसले
Amit Shah Birthday: 22 अक्टूबर 1964 को जन्मे देश के गृह मंत्री अमित शाह का आज जन्मदिन है। 56 साल के शाह 2014 से 2020 तक भारतीय जनता पार्टी (BJP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे हैं। इनके कार्यकाल क दौरान बीजेपी ने अपार सफलता हासिल की है। 2019 लोकसभा चुनाव में वो गुजरात के गांधीनगर से जीतकर आते हैं और मोदी सरकार में गृह मंत्री बनते हैं। इससे पहले वो 2017 में राज्यसभा से सांसद बने।
2014 लोकसभा चुनाव से पहले शाह को पार्टी ने उत्तर प्रदेश में बीजेपी का प्रभारी बनाया। यहां पार्टी को 80 में से 73 सीटें मिलीं, जिसका श्रेय उनको गया। इसके बाद अमित शाह ने चुनावी राजनीति में इतनी लंबी-लंबी छलांगें लगाईं कि कोई भी उनके आस-पास नहीं रहा। लोकसभा चुनाव के बाद उन्हें भाजपा की कमान दी गई और फिर ना पार्टी रूकी और ना उन्होंने पीछे मुड़कर देखा। उन्हें चाणक्य कहा जाने लगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता और शाह के नेतृत्व ने ऐसा कमाल किया कि बीजेपी एक के बाद एक चुनाव जीतती रही और उन-उन जगहों पर पहुंची जहां पार्टी की जीत की कल्पना करना भी मुश्किल था। बीजेपी ने महाराष्ट्र, हरियाणा, जम्मू और कश्मीर, झारखंड और असम में सरकार बनाई, हालांकि दिल्ली और बिहार में उसे हार मिली। 2017 में बीजेपी ने उत्तर प्रदेश में भी सत्ता हासिल की। वो उत्तराखंड में भी सरकार में आई। गुजरात में वापसी की, मणिपुर में सरकार बनाई, हिमाचल प्रदेश में सरकार बनाई। मार्च 2018 में भाजपा ने पहली बार उत्तर-पूर्वी राज्य त्रिपुरा में जीत हासिल की।
हालांकि 2018 में पार्टी छत्तीसगढ़, राजस्थान और मध्य प्रदेश में चुनाव हार गई। इसके बाद 2019 लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने केंद्र में वापसी की और 2014 की तुलना में और भी बड़ी जीत दर्ज की। शाह के कार्यकाल में बीजेपी ने कई राज्यों में दूसरे दलों को समर्थन कर गैर कांग्रेसी सरकार भी बनाई। चुनावी राजनीति में उनके दांव पेंच के आगे सब फेल होते दिखे। इनके कार्यकाल में बीजेपी का प्रसार पूरे देशभर में हुआ।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह की जोड़ी को सुपरहिट कहा जाता है। 2019 लोकसभा चुनाव के बाद अमित शाह गृह मंत्री बने और मोदी सरकार ने बड़ा फैसला करते हुए जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटा दिया। इसके बाद नागरिकता संशोधन कानून (CAA) भी पास कराया।