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सरकार ने नहीं 130 करोड़ लोगों ने सावरकर को 'वीर' की उपाधि दी, उन पर उठने वाले सवालों से दुख होता है: अमित शाह

Updated Oct 15, 2021 | 20:30 IST

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अंडमान-निकोबार में सेल्युलर जेल का दौरा किया और उस सेल में भी गए जहां विनायक दामोदर सावरकर को अंग्रेजों के समय उन्हें कैदी बनाकर रखा गया था।

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अमित शाह, गृह मंत्री
मुख्य बातें
  • अमित शाह ने अंडमान निकोबार द्वीप समूह में सेल्युलर जेल का दौरा किया
  • जेल में उन्होंने सावरकर को श्रद्धांजलि दी
  • अमित शाह अंडमान निकोबार द्वीप समूह के तीन दिवसीय दौरे पर हैं

नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने विनायक दामोदर सावरकर के लिए कहा है कि किसी सरकार ने सावरकर को 'वीर' की उपाधि नहीं दी। 130 करोड़ लोगों ने उनके साहस और देशभक्ति को स्वीकार करने के लिए उनके नाम में 'वीर' जोड़ा। कुछ उनकी जिंदगी पर सवाल उठा रहे हैं। दुख की बात है कि आप 2 आजीवन कारावास की सजा वाले एक व्यक्ति की देशभक्ति पर सवाल उठा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि कुछ लोग सावरकर जी के जीवन पर सवाल उठाते हैं, बड़ा दुख होता है, दर्द होता है, वेदना होती है। जिस व्यक्ति को एक ही जीवन में 2 जीवन की सजा हुई, उसकी देशभक्ति पर सवाल उठा रहे हैं। जिस व्यक्ति ने कई किलोमीटर दूर स्टीमर से छलांग लगाकर भारत के लिए लड़ने का फैसला किया, फ्रांस की धरती पर जाने का फैसला किया, उस पर प्रश्न चिन्ह्र लगा रहे हैं। जो कौल्हू का बैल बनकर 30 पाउंड तेल निकालने की सजा छेलता रहा, उस व्यक्ति की देशभक्ति पर सवाल उठा रहे हो, अरे शर्म करो। 

इससे पहले अंडमान-निकोबार पहुंचे गृह मंत्री अमित शाह ने पोर्ट ब्लेयर की सेल्युलर जेल में स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि दी। अमित शाह अंडमान-निकोबार के तीन दिवसीय दौरे पर हैं। मित शाह ने पोर्ट ब्लेयर की सेल्युलर जेल में वीर सावरकर को श्रद्धांजलि दी। वो जेल की उस सेल में भी गए जहां सावरकर को कैद किया गया था। 

शाह ने कहा कि देशभर के लोगों के लिए अंग्रेजों की बनाई हुई ये सेल्युलर जेल सबसे बड़ा तीर्थ स्थान है। इसलिए सावरकर जी कहते थे कि ये तीर्थों में महातीर्थ है, जहां आजादी की ज्योति को प्रज्वलित करने के लिए अनेक लोगों ने अपना बलिदान दिया। अब जिस रास्ते पर मोदी जी के नेतृत्व में भारत ने आगे बढ़ने और चलने का निर्णय लिया है, वो पीछे मुड़ने का नहीं बल्कि आगे बढ़ते रहने का रास्ता है और सावरकर और सान्याल जैसे वीर स्वतंत्रता सेनानियों की संकल्पना का भारत बनाने का रास्ता है। 

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