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CAA पर अमित शाह का बड़ा बयान, कोरोना की प्रीकॉशन डोज के बाद बनेंगे नियम

Updated Aug 03, 2022 | 08:43 IST

Amit Shah on CAA: CAA 11 दिसंबर, 2019 को संसद द्वारा पारित किया गया था और 12 दिसंबर को इसे नोटिफाई कर दिया गया था। लेकिन कोरोना के कारण अभी तक इसके नियम नहीं बन पाए हैं।

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फाइल फोटो
मुख्य बातें
  • सीएए में अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से आए मुस्लिमों को नागरिकता देने का प्रावधान नहीं है।
  • विपक्ष लगातार सीएए का विरोध कर रहा है।
  • सीएए, एनआरसी को लेकर शाहीन बाग सहित देश के दूसरे इलाकों में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए थे।

Amit Shah on CAA:नागिरकता संशोधन कानून ( CAA) को लेकर गृह मंत्री अमित शाह ने बड़ा बयान दिया है। शाह ने कहा है कि कोरोना की प्रीकॉशन डोज का काम पूरा होने के बाद नागरिकता कानून के नियम बनाए जाएंगे। गृह मंत्री ने मंगलवार को पश्चिम बंगाल के भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी से हुई बातचीत के बाद यह जानकारी दी। दरअसल, अधिकारी ने शाह से मुलाकात के दौरान सीएए को जल्द से जल्द लागू करने की मांग की थी। CAA 11 दिसंबर, 2019 को संसद द्वारा पारित किया गया था और 12 दिसंबर को इसे नोटिफाई कर दिया गया था। हालांकि अभी तक नियम नहीं बनाए जाने के कारण यह  लागू नहीं हो पाया है।

क्या है सीएए कानून

असल में कोरोना महामारी आने के कारण कानून के नियम तैयार करने में देरी हुई और वह अभी तक नहीं बन पाए हैं। नागरिकता संशोधन कानून 2019 अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से आए हिंदू, सिख, बौद्ध, ईसाई, जैन, पारसी धर्म के प्रवासियों को भारतीय नागरिकता लेने के हक देता है। इसके तहत भारत में 31 दिसंबर 2014 से पहले आए इन लोगों को साबित करना होगा कि वो अपने देशों से धार्मिक उत्पीड़न के कारण भागकर अपने देशों से आए हैं। और वह उन भाषाओं को बोलते हैं जो संविधान की आठवीं अनुसूची में है और वह नागरिक कानून 1955 की तीसरी सूची की अनिवार्यताओं को पूरा करते है। तो वह भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन कर सकेंगे।

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शाहीन बाग से लेकर पूरे देश में हुआ था आंदोलन

इस कानून में अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से आए मुस्लिमों को नागरिकता देने का प्रावधान नहीं है। जिसका शुरू से ही विपक्ष विरोध कर रहा है। और सीएए और एनआरसी को लेकर शाहीन बाग से लेकर पूरे देश में आंदोलन हो चुके हैं। विरोध प्रदर्शन करने वालों का आरोप है कि सरकार सीएए और एनआरसी के बहाने अल्पसंख्यक खासकर मुस्लिम वर्ग की नागरिकता छीन सकती है। हालांकि सरकार बार-बार यह कहती रही है कि सीएए नागरिकता देने का कानून है। और किसी भी भारतीय नागरिक की नागरिकता नहीं छीनी जाएगी। ऐसे में एक बार फिर जब गृह मंत्री ने सीएए के नियमों को बनाने की बात कही है तो आने वाले समय में विपक्ष सरकार को निशाने पर ले सकता है। 

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