- कोटा के जे के लोन अस्पताल में अब तक 105 बच्चों की मौत
- अमित शाह ने अशोक गहलोत पर साधा निशाना, बोले मासूमों की माएं आप को दे रही हैं बद्दुआ
- 'नागरिकता संशोधन कानून का विरोध करने से बेहतर है कि अस्पतालों पर ध्यान दें'
नई दिल्ली। कोटा का जे के लोन अस्पताल इस समय सुर्खियों में है। मरने वाले मासूमों की संख्या में इजाफा हो रहा है। इस विषय पर राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत की तरफ से गैरजिम्मेदाराना बयान आया। उन्होंने कहा कि आलोचनाओं से बेहतर करने का अवसर मिलता है। लेकिन बच्चों की मौत के पीछे साफ-सफाई भी जिम्मेदार है। लेकिन नागरिकता संशोधन कानून के समर्थन में बोलते हुए गृहमंत्री अमित शाह ने इस मुद्दे को उठाया।
जोधपुर की रैली में उन्होंने कहा कि अशोक गहलोत जी सीएए का विरोध करने से बेहतर है कि कोटा पर नजर डालो जहां मासूमों की मौत हर रोज हो रही है। आप उनके लिए काम करो,मासूम बच्चों की माएं आप को बद्दुआ दे रही हैं। उन्होंने कहा कि विरोध करने का अधिकार हर किसी को है। लेकिन किसी भी शख्स को अपने कर्तव्यों का भी ख्याल रहना चाहिए। लेकिन सच ये है कि गहलोत सरकार मासूम बच्चों के स्वास्थ्य के प्रति लापरवाह है।
जे के लोन अस्पताल का राज्य के स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा दौरा करने वाले थे। उनके दौरे से पहले अस्पताल का रंगरोगन किया जा रहा, बिजली की फिटिंग बदली जा रही है। यही नहीं उनके सम्मान में कार्पेट भी बिछाई गई थी। ये बात अलग है कि जब मीडियाकर्मी पहुंचे तो कार्पेट को हटा लिया गया था। इससे पहले सीएम अशोक गहलोत ये बता चुके थे कि अस्पताल में खामियां सिर्फ राजस्थान में ही नहीं है, बल्कि देश के दूसरे इलाकों की भी यही तस्वीर है। सरकार कोशिश कर रही है कि मासूमों की मौत न हो। अगर कहीं कुछ कमियां हैं तो लोग उसे बताएं।
अशोक गहलोत के इस बयान के बाद केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के साथ साथ बीएसपी की मुखिया मायावती ने निशाना साधा। स्मृति ईरानी ने कहा कि कोटा के अस्पताल में पिछले एक महीने से मासूम मर रहे हैं। लेकिन राज्य सरकार चेती नहीं और अब दोषारोपण कर रही है। इसके बाद मायावती ने कहा कि इतनी गैरजिम्मेदार सरकार को एक पल भी सत्ता में रहने का हक नहीं और अशोक गहलोत सरकार को बर्खास्त कर देना चाहिए।