लाइव टीवी

Angry farmers on road:कृषि अध्‍यादेश को लेकर किसानों में नाराजगी,यूपी से लेकर पंजाब तक सड़कों पर उतरे किसान

Updated Sep 16, 2020 | 11:43 IST

Agricultural Ordinance:देश के कई इलाकों में किसान कृषि अध्‍यादेश के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं, इसमें यूपी से लेकर पंजाब और कई सूबों के किसान शामिल हैं।

Loading ...
पंजाब में किसानों ने कृषि विधेयक के खिलाफ राज्यव्यापी प्रदर्शन के दौरान कई स्थानों पर सड़कों को जाम किया

देश में  कृषि अध्‍यादेश (Agricultural Ordinance) लाये जाने के बाद से केंद्र सरकार का विरोध लगातार जारी है। हरियाणा, पंजाब के साथ-साथ अब यूपी में भी किसानों ने अध्यादेश का विरोध शुरू कर दिया है। पिछले कुछ दिनों से किसान केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा पारित किसान उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अध्यादेश, आवश्यक वस्तु (संशोधन) अध्यादेश, मूल्य आश्वासन और कृषि सेवाओं पर किसान (सशक्तीकरण और संरक्षण) समझौता अध्यादेश, 2020 को लेकर विरोध कर रहे है।

किसानों और किसान संगठनों का कहना है कि ये नये तथाकथित कृषि सुधार लागू होने से किसान और उसकी उपज पर प्राइवेट कंपनियों का कब्जा हो जाएगा और सारा फायदा बड़ी कंपनियों को मिलेगा। इसी को लेकर किसान विरोध कर रहे हैं।अध्यादेश इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग को भी बढ़ावा देगा मतलब उपज की ऑनलाइन खरीद फरोख्त भी की जा सकेगी।

पंजाब में किसानों ने कृषि विधेयक के खिलाफ राज्यव्यापी प्रदर्शन के दौरान कई स्थानों पर सड़कों को जाम किया और चेतावनी दी कि संसद में अगर राज्य का कोई सांसद इस विधेयक का समर्थन करेगा तो उसे गांव में घुसने नहीं दिया जाएगा।कृषि से जुड़े तीन विधेयकों को ‘किसान विरोधी’ बता प्रदर्शन कर रहे किसानों ने पंजाब के विभिन्न स्थानों पर करीब दो घंटे तक राजमार्ग और अन्य अहम सड़कें बाधित की जिससे आम यात्रियों को परेशानी हुई क्योंकि प्रशासन ने यातायात का मार्ग परिवर्तित किया था।

केंद्र सरकार ने खाद्य एवं कृषि सुधार विधेयक सोमवार को लोकसभा में पेश किया

केंद्र सरकार ने खाद्य एवं कृषि सुधार विधेयक सोमवार को लोकसभा में पेश किया। इस प्रस्तावित विधेयक में अधिसूचित कृषि मंडियों के बाहर कृषि उत्पादों को बिना किसी बाधा बेचने का प्रावधान है और किसानों को कृषि उत्पादन और बिक्री के लिए निजी संस्थाओं से समझौता करने के लिए सशक्त किया गया है।किसानों ने अपना विरोध तेज कर दिया है। उनका कहना है कि विधेयक को वापस लेने की मांग के प्रति केंद्र सरकार के उदासीन रवैये की वजह से उन्हें सड़कों पर उतरना पड़ा है।

विधेयक के खिलाफ कई किसान संगठनों ने पंजाब में रास्ता रोको आंदोलन का आह्वान किया है।भारतीय किसान यूनियन (लखोवाल गुट) के महासचिव हरिंदर सिंह लखोवाल ने कहा, ‘‘संसद में जो भी सांसद कृषि विधेयकों का समर्थन करेगा उन्हें गांव में प्रवेश करने नहीं दिया जएगा और हम उन्हें सबक सिखाएंगे।’’उन्होंने विधेयकों को कोरोना वायरस से भी खराब करार देते हुए कहा कि अगर यह लागू होता है तो किसानों, आढ़तियों और खेतीहर मजदूरों पर नकारात्मक असर पड़ेगा।

कुछ किसानों  ने गले में फंदा लगाकार प्रदर्शन किया

इस बीच, मोगा में कुछ प्रदर्शनकारी किसानों ने काले कपड़े पहनकर जबकि कुछ ने गले में फंदा लगाकार प्रदर्शन किया।भारतीय किसान यूनियन (एकता उग्रहण) के बैनर तले किसानों ने मुक्तसर के बादल गांव और पटियाला में प्रदर्शन किया। उन्होंने फगवड़ा में फगवाड़ा-होशियारपुर चीनी मिल क्रासिंग एवं फगवाड़ा-नकोदर रोड क्रॉसिंग पर दो घंटे तक राष्ट्रीय राजमार्ग को बाधित रखा।भारतीय किसान यूनियन (दोआबा) के अध्यक्ष मंजीत सिंह ने भी किसानों के साथ प्रदर्शन किया और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की एवं विधेयक वापस लेने की मांग की।होशियारपुर में किसान मजदूर संघर्ष समिति के बैनर तले किसानों ने प्रदर्शन किया और जालंधर-पठानकोट जीटी रोड को भांगला के पास बाधित कर दिया। इस बीच, टांडा पुलिस ने सड़क बाधित करने के लिए किसान मजदूर संघर्ष समिति के बैनर तले प्रदर्शन कर रहे किसानों के खिलाफ मामला दर्ज किया।

Times Now Navbharat पर पढ़ें India News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।