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जयशंकर से मिले अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन, NSA अजीत डोभाल से हुई बातचीत

Updated Jul 28, 2021 | 12:49 IST

भारत पहुंचे अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन (Antony Blinken) ने बुधवार को अपने भारतीय समकक्ष एस जयशंकर (S Jaishankar) से मुलाकात की। बैठक में भारत-अमेरिका संबंधों (India-US relation) पर चर्चा हुई।

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तस्वीर साभार:&nbspANI
नई दिल्ली में एस जयशंकर से मिले अमेरिकी विदेश मंत्री।
मुख्य बातें
  • विदेश मंत्री बनने के बाद अपनी पहली भारत यात्रा पर पहुंचे हैं एंटनी ब्लिंकेन
  • आपसी रिश्तों को नई ऊंचाई पर ले जाने और रक्षा सहयोग मजबूत करने पर चर्चा
  • अफगानिस्तान में भारतीय हितों की सुरक्षा एवं तालिबान पर हो सकती है बातचीत

नई दिल्ली : भारत की यात्रा पर आए अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन  (Antony Blinken) ने बुधवार को दिल्ली में अपने भारतीय समकक्ष एस जयशंकर (S Jaishankar) से मुलाकात की। रिपोर्टों के मुताबिक अपनी इस यात्रा के दौरान ब्लिंकेन भारत-अमेरिका (India US relation) के द्विपक्षीय संबंधों को नई ऊंचाई पर ले जाने और अफगानिस्तान, वैश्विक आतंकवाद और हिंद-प्रशांत के मुद्दों पर बातचीत करेंगे। अमेरिकी विदेश मंत्री का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) से मुलाकात का भी कार्यक्रम है। विदेश मंत्री बनने के बाद ब्लिंकेन की यह पहली भारत यात्रा है। जयशंकर से मुलाकात से पहले ब्लिंकेन की राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल (Ajit Doval) से मुलाकात हुई। 

चुनौतियों से मिलकर निपटेंगे दोनों देश
भारतीय विदेश मंत्री के साथ शिष्टमंडल स्तर की वार्ती में ब्लिंकेन ने कहा कि भारत-अमेरिका ने मिलकर जो काम किया है और आने वाले महीनों में वे जो काम करने वाले हैं, उनकी वह प्रशंसा करते हैं।  अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा कि कोरोना संकट, नई उभरती तकनीकी ने हमारे नागरिकों के जीवन को प्रभावित किया है। इन चुनौतियों से हम अकेले नहीं निपट सकते। भारत और अमेरिका को अपना सहयोग पहले से ज्यादा बढ़ाना होगा। अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा कि राष्ट्रपति जो बाइडन दोनों देशों के संबंधों को और मजबूत बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। 

अफगानिस्तान मसले पर हो सकती है चर्चा
समझा जाता है कि ब्लिंकेन की इस यात्रा के दौरान रक्षा, सुरक्षा एवं सामरिक साझेदारी से जुड़े कई अहम मसलों पर चर्चा हो सकती है। अमेरिकी विदेश मंत्री की यह यात्रा ऐसे समय हो रही है जब अफगानिस्तान से करीब 90 प्रतिशत अमेरिकी एवं नाटो सेना की वापसी हो चुकी है। अफगानिस्तान में तालिबान के बढ़ते प्रभाव और वहां भारतीय हितों की सुरक्षा के बारे में इस बैठक में प्रमुखता से बातचीत हो सकती है। 

दोनों देशों के बीच होनी है 2+2 वार्ता
इसके अलावा रक्षा क्षेत्र में अपना सहयोग और मजबूत करने के लिए दोनों देश संभावनाओं की तलाश कर सकते हैं। इसमें रक्षा नीतियों में बदलाव, युद्धाभ्यास, रक्षा तकनीकि का हस्तांतरण भी है। इस साल दोनों देशों के बीच चोथी 2.2 वार्ता होनी है। इस वार्ता में दोनों देश संबंधों को मजबूत बनाने वाले कदमों पर विस्तृत रूप से चर्चा कर सकते हैं।  

भारत को अपना रणनीतिक साझीदार के रूप में देखता है अमेरिका
अमेरिका ने मंगलवार को कहा कि वह भारत के अग्रणी वैश्विक शक्ति के रूप में उभरने का समर्थन करता है और रणनीतिक हिन्द-प्रशांत को शांति, स्थिरता का क्षेत्र बनाने में व्यापक साझेदार के रूप में उसकी भूमिका को स्वीकार करता है। विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन के भारत पहुंचने के बाद अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा कि दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग नई ऊंचाइयों पर पहुंच रहा है। विदेश विभाग ने कहा कि भारत के अग्रणी वैश्विक शक्ति के रूप में उभरने का अमेरिका समर्थन करता है और हिंद-प्रशांत को शांति, स्थिरता का क्षेत्र बनाने में व्यापक साझेदार के रूप में उसकी भूमिका को स्वीकार करता है।
 

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