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यूपी के मदरसों में आधुनिक शिक्षा के लिए लॉन्च होगा एप, पढ़ाए जाएंगे महापुरुषों के पाठ

Updated Apr 08, 2022 | 12:37 IST

यूपी के मदरसों में आधुनिक शिक्षा के लिए एप लॉन्च होगा। इसके साथ ही मदरसों में अब महापुरुषों के पाठ भी पढ़ाए जाएंगे। इस संबंध में कई तरह के विरोध के सुर भी सुनाई पड़े थे। मसलन ऐसे मदरसे जो सिर्फ लोगों के चंदे पर चलते हैं उसमें किसी तरह का सरकारी हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए।

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यूपी के मदरसों में आधुनिक शिक्षा के लिए लॉन्च होगा एप, पढ़ाए जाएंगे महापुरुषों के पाठ
मुख्य बातें
  • यूपी सरकार करेगी मदरसों का कायाकल्प
  • मदरसों में नहीं होगी धर्म की पढ़ाई- यूपी सरकार
  • यूपी के मदरसों में पढ़ाया जाएगा महापुरूषों का पाठ

यूपी के मदरसों में महापुरूषों का पाठ पढ़ाया जाएगा। स्वतंत्रता सेनानियों की जीवन गाथाओं को भी पढ़ाया जाएगा। सरकार के मुताबिक मदरसों से खत्म होंगे धर्म की शिक्षा देने वाले 5 हजार 339 पद और इनकी जगह शिक्षकों के पद खत्म किए जाएंगे।मदरसों में पढ़ाया जाएगा महापुरूषों का पाठधुनिक शिक्षा के लिए मदरसा बोर्ड लांच करेगा ऐपसंख्यक कल्याण राज्यमंत्री दानिश आजाद का कहना है कि सरकार चाहती है मदरसों के बच्चे भी देश भक्ति से भरे हो और इसके लिए महापुरुषों और स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की जीवन गाथाओं को पढ़ाया जाएगा।

अल्पसंख्यक कल्याण के लिए राज्य सरकार गंभीर
दानिश आजाद ने कहा कि एक बार फिर यूपी की सत्ता संभालते ही योगी एक्शन में हैं। अपराधियों का एनकाउंटर हो रहा है, अवैध निर्माण पर बाबा का बुलडोजर चल रहा है और अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए योगी सरकार कई कदम उठा रही है। योगी के काम के इस अंदाज की चर्चा चारों ओर हो रही है। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों ने अपनी दुकान चलाने के लिए अल्पसंख्यकों को बरगलाने की कोशिश की है। लेकिन 2014, 2017, 2019 और 2022 के नतीजों ने बता दिया है कि अल्पसंख्यक समाज भी धीरे धीरे सच क्या है उसे समझ रहा है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मदरसों के आधुुनिकरण की दिशा में काम किया जा रहा है और राज्य सरकार अल्पसंख्यक कल्याण के लिए गंभीर है। 


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कुछ संगठनों को ऐतराज
ये बात अलग है कि जब इस बात की सुगबुगाहट शुरू हुई थी तो कई मुस्लिम संगठनों की तरफ से ऐतराज भी जताया गया था। मसलन कुछ संगठनों का कहना था कि सरकार अगर इस तरह के फैसले करेगी तो वो संविधान के अनुच्छेद 25 और 26 का उल्लंघन है। जब संविधान में अल्पसंख्यक समाज को कुछ स्वतंत्रता दे रखी है तो राज्य सरकार अपनी मनमानी कैसे चला सकती है। राज्य के अनुदान पर चलने वाले मदरसों में सरकार को जो फैसला करना हो करे। लेकिन जो प्राइवेट मदरसे हैं उसकी आजादी सरकार नहीं छीन सकती है। 

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