- भारत में कोरोना वायरस से संक्रमण के अब तक 724 मामले सामने आए हैं
- सरकार की मदद के लिए सेना ने बढ़ाया है हाथ, 'ऑपरेशन नमस्ते' से कर रही मदद
- सेना प्रमुख ने कहा कि मुश्किल घड़ी में अपनी सरकार की मदद करना हमारा कर्तव्य
नई दिल्ली : वैसे तो मुश्किल घड़ी में भारतीय सेना हमेशा मदद के लिए तैयार रहती है लेकिन कोरोना वायरस के खिलाफ सरकार की लड़ाई में उसने खुद को आगे किया है। कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए सेना ने अपने 'ऑपरेशन नमस्ते' की शुरुआत की है। सेना प्रमुख एमएम नरवाने ने शुक्रवार को कहा कि महामारी के खिलाफ लड़ाई में सरकार की मदद करना भारतीय सेना कर्तव्य है।
सेना प्रमुख ने नियंत्रण रेखा (एलओसी) अथवा वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर तैनात जवानों से अपने घर-परिवार और करीबियों की चिंता न करने के लिए कहा है। साथ ही उन्होंने कहा कि ऑपरेशन पोखरण के दौरान भी इसी तरह जवानों की छुट्टियां रद्द हुई थीं। फौज इन मुश्किलों हालातों से सफलतापूर्वक निकल आती रही है। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना 'ऑपरेशन नमस्ते' भी सफलतापूर्वक संपन्न करेगी।
नरवने ने मीडियाकर्मियों से बातचीत में कहा, 'कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई के समय हमारा कर्तव्य बनता है कि हम अपनी सरकार एवं प्रशासन की मदद करें। सेना प्रमुख के रूप में अपने जवानों की सुरक्षित एवं सेहतमंद रखना मेरी प्राथमिकता है। हम देश की सेवा तभी कर सकते हैं जब हम खुद को कोरोना वायरस के संक्रमण से दूर रखेंगे।'
सेना प्रमुख ने कहा कि टैक्टिकल एवं ऑपरनेशनल कारणों की वजह से सेना में सोशल डिस्टैंसिंग का पूरी तरह से पालन कर पाना मुश्किल काम है। इसलिए देश की सुरक्षा के लिए यह जरूरी है कि हम खुद को सुरक्षित एवं सेहतमंद रखें। उन्होंने कहा, 'इसे देखते हुए हमने पिछले कुछ सप्ताहों में दो से तीन परामर्श जारी किए हैं जिनका अनुसरण किया जाना चाहिए।'
बता दें कि सेना ने कोविड-19 के खिलाफ अपने अभियान को 'ऑपरेशन नमस्ते' नाम दिया है। सेना ने अपने इस ऑपरेशन के तहत देश भर में आठ क्वरेंटाइन केंद्र बनाए हैं। सेना प्रमुख ने अपने इस अभियान में सफल होने की उम्मीद जताई। उन्होंने कहा कि सेना ने कमान के हिसाब से हेल्पलाइन नंबर स्थापित किए हैं। यहां से सैन्यकर्मी मदद पा सकते हैं। किसी तरह की समस्या आने पर जवानों के परिवार अपने नजदीक कमान सेंटर जा सकते हैं।