- गलवान घाटी में पांच चीनी सैनिकों के मारे जाने का दावा
- हिंसक झड़प में कर्नल स्तर के रैंक के साथ दो और जवान शहीद
- तनाव के बीच सेना प्रमुख एम एम नरवणे ने पठानरकोट का दौरा टाला
नई दिल्ली। सोमवार की बीती रात लद्दाख स्थित गलवान घाटी में जो कुछ हुआ उससे साफ हो गया कि चीन भरोसे के लायक नहीं है। एलएसी के पास जब चीनी सैनिकों से हटने के लिए कहा गया तो चीन का चालबाज रूप सामने आया। चीनी सैनिकों ने भारतीय सैनिकों को निशाना बनाया जिसमें एक अफसर और दो सैनिक शहीद हो गए। इस बीच सेना प्रमुख एम एम नरवणे का पहले से तय पठानकोट दौरे को रद्द कर दिया है।
दिल्ली में हुई उच्च स्तरीय बैठक
इस खबर के सामने आने के बाद दिल्ली में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ सीडीए बिपिन रावत की बैठक हुई। इस बैठक में तीनों सेनाओं के प्रमुख भी मौजूद थे। बताया जा रहा है कि राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ संवाद में पीएम मोदी से चर्चा की जा सकती है। इस बीच चीनी पक्ष ने भारतीय पक्ष से संयम बरतने की अपील की है। ग्लोबल टाइम्स का कहना है कि जब इस सीमा विवाद मुद्दे पर पहले से बातचीत चल रही है तो सद्भाव के साथ ही इसे सुलझाए जाने की आवश्यकता है।
जानकारों की राय
गलवान में ताजा विवाद पर जानकार कहते हैं कि जिस तरह से बातचीत के दौरान यह घटना हुई है उसे हल्के में नहीं लिया जा सकता है। जिस तरह से चीन की तरफ से हरकत की गई और यह जानकारी सामने आ रही है कि चीनी सैनिकों के पास लोहे की कील वाले डंडे थे और उससे हमला किया गया है सोची समझी रणनीति का हिस्सा हो सकता है। ऐसा हो सकता है चीन की तरफ से अब रुक रुक कर इस तरह की हरकतें होती रहे। यह बात तो सच है कि चीन पर कोरोना की वजह से जिस तरह से दबाव पड़ा है वो परेशान है और संयम खोकर इस तरह की कार्रवाई कर रहा है।