लाइव टीवी

Arnab Goswami: अर्नब गोस्वामी को सुप्रीम कोर्ट से मिली जमानत, महाराष्ट्र सरकार की भूमिका पर SC नाराज

Arnab Goswami bail plea: Supreme Court to take up Arnab bail plea today
Updated Nov 11, 2020 | 17:36 IST

मई 2018 में अलीबाग के अपने बंगले में इंटीरियर डिजाइनर अन्वय नाइक और उनकी मां ने खुदकुशी कर ली। नाइक ने अपने सुसाइड नोट में गोस्वामी को अपनी मौत का जिम्मेदार बताया।

Loading ...
Arnab Goswami bail plea: Supreme Court to take up Arnab bail plea todayArnab Goswami bail plea: Supreme Court to take up Arnab bail plea today
तस्वीर साभार:&nbspANI
अर्नब गोस्वामी की जमानत अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई
मुख्य बातें
  • आत्महत्या के लिए उकसाने मामले में अर्नब गोस्वामी की हुई है गिरफ्तारी
  • गत चार नवंबर को रायगढ़ पुलिस ने टीबी पत्रकार को उनके घर से अरेस्ट किया
  • बाॉम्बे हाई कोर्ट से जमानत नहीं मिलने पर अर्नब ने शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया

नई दिल्ली : रिपब्लिक टीवी के प्रमोटर और वरिष्ठ टीवी पत्रकार अर्नब गोस्वामी को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई है। जस्टिस चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली खंडपीठ का कहना है कि अर्नब गोस्वामी और दो अन्य आरोपियों को 50,000 रुपए के बांड पर अंतरिम जमानत पर रिहा किया जाना चाहिए। इस आदेश के पालन तुरंत सुनिश्चित करने के लिए पुलिस आयुक्त को निर्देश दिया गया है। पीठ ने कहा कि इन सभी की रिहाई में विलंब नहीं होना चाहिए और जेल प्राधिकारियों को इसे सुगम बनाना चाहिए। शीर्ष अदालत ने अर्नब गोस्वामी, सारदा और सिंह को निर्देश दिया कि वे किसी भी साक्ष्य के साथ छेड़छाड़ नहीं करेंगे और मामले की जांच में सहयोग करेंगे।

सुसाइड केस में महाराष्ट्र सरकार की भूमिका पर सुप्रीम कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी की। शीर्ष अदालत ने कहा कि अगर हम न्यायालय के रूप में कानून और स्वतंत्रता की रक्षा नहीं कर सकते हैं तो आखिर कौन करेगा। अर्नब ने आत्महत्या के लिए उकसाने के केस में बॉम्बे हाई कोर्ट द्वारा जमानत ने देने के उसके फैसले को शीर्ष अदालत में चुनौती दी थी।

गोस्वामी के वकील हरीश साल्वे ने अपने मुवक्किल के पक्ष में कहा कि महाराष्ट्र सरकार की एजेंसी पर भरोसा नहीं है और इस मामले में सीबीआई जांच होनी चाहिए। इस केस में महाराष्ट्र सरकार के पक्ष में उसके वकील ने जब दलील दी तो सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस डी वीई चंद्रचूड़ ने तल्ख टिप्पणी की। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर हम अदालत के रूप में कानून और स्वतंत्रता की रक्षा नहीं कर सकते हैं तो आखिर कौन करेगा। यदि कोई राज्य किसी शख्स के साथ गैरकानूनी ढंग से व्यवहार करेगी तो सख्त संदेश जाना ही चाहिए। हमारा लोकतंत्र इसी भावना के लिए जाना जाता है जिसमें हर किसी का भरोसा है। 

बॉम्बे हाई कोर्ट ने निचली अदालत भेजा
याचिका खारिज करते हुए कोर्ट ने कहा कि ‘मौजूदा मामले में उच्च न्यायालय द्वारा असाधारण अधिकार क्षेत्र के प्रयोग करने के लिये कोई मामला नहीं बनाया गया है।’ अदालत ने सोमवार को अपने आदेश में कहा, ‘याचिकाकर्ताओं के पास संबंधित सत्र अदालत से जमानत पाने का प्रभावी तरीका है। हम पहले ही कह चुके हैं कि अगर ऐसी कोई जमानत याचिका दायर होती है तो सत्र अदालत उस पर चार दिनों के भीतर फैसला करे।’ 2018 के एक सुसाइड केस में रायगढ़ पुलिस ने गत चार नवंबर को अर्नब को उनके आवास से गिरफ्तार किया। इस मामले में अन्य दो लोगों फिरोज शेख और नीतीश सारदा की भी गिरफ्तारी हुई है। 

2018 का है खुदकुशी का मामला
बता दें कि मई 2018 में अलीबाग के अपने बंगले में इंटीरियर डिजाइनर अन्वय नाइक और उनकी मां ने खुदकुशी कर ली। नाइक ने अपने सुसाइड नोट में गोस्वामी को अपनी मौत का जिम्मेदार बताया। पुलिस का कहना है कि गोस्वामी के चैनल और दो कंपनियों ने नाइक को उनकी सेवाओं के लिए भुगतान नहीं किया था जिससे तंग आकर दोनों ने आत्महत्या कर ली। हालांकि, अर्नब गोस्वामी की तरफ से अपने ऊपर लगे आरोपों को खारिज किया गया है। अर्नब के वकील का कहना है कि उसने नाइक के बकाए राशि का भुगतान के लिए चेक भेजा था लेकिन उनका खाता बंद होने की वजह से चेक वापस आ गया।

Times Now Navbharat पर पढ़ें India News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।