- उत्तर पूर्वी दिल्ली में 24 एवं 25 फरवरी को बड़े पैमाने पर हुई हिंसा एवं आगजनी
- दिल्ली हिंसा में अब तक 34 लोगों की जा चुकी है जान, अब सुधर रहे हालात
- हिंसा से पीड़ित व्यक्तियों के लिए केजरीवाल सरकार ने की मुआवजे की घोषणा
नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार को कहा कि दिल्ली हिंसा में यदि कोई व्यक्ति दोषी पाया जाता है तो उसे सख्त मिलनी चाहिए और यदि वह व्यक्ति आम आदमी पार्टी का निकले तो उसे दोगुनी सजा मिले। केजरीवाल ने एक संवाददाता सम्मेलन में दिल्ली हिंसा पीड़ितों के लिए मुआवजे की घोषणा की। उन्होंने कहा कि हिंसा में घायल व्यक्ति अपना इलाज निजी अस्पतालों में करा सकते हैं और इसका खर्चा दिल्ली सरकार उठाएगी। इसके लिए सीएम ने अपनी 'फरिश्ते' योजना का विस्तार किया है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली हिंसा में मारे गए लोगों के परिजनों को उनकी सरकार 10 लाख रुपए का मुआवजा देगी। उन्होंने कहा, 'हिंसा में जिसका घर पूरी तरह से बर्बाद हो गया है, उसे दिल्ली सरकार पांच लाख रुपए का आर्थिक सहायता उपलब्ध कराएगी। इसके अलावा पीड़ित किराएदारों को एक लाख रुपए का मुआवजा दिया जाएगा। हिंसा में मवेशी का नुकसान उठाने वाले लोगों लोगों को पांच हजार रुपए मिलेंगी। इसी तरह रिक्शा और ई-रिक्शा का नुकसान उठाने वाले लोगों को क्रमश: 25 हजार और 50 हजार रुपए का मुआवजा मिलेगा।'
आप पार्षद पर उठे हैं सवाल
बता दें कि केजरीवाल का यह बयान ऐसे समय आया है जब दिल्ली हिंसा के लिए उनकी पार्टी के पार्षद ताहिर हुसैन पर गंभीर सवाल उठे हैं। सार्वजनिक हुए एक वीडियो में करावल नगर स्थित हुसैन की इमारत में पेट्रोल बम, पत्थर और एसिड मिलने की बात सामने आई है। स्थानीय लोगों का कहना है कि हुसैन की इस इमारत से पेट्रोल बम और पत्थरबाजी की गई। यही, नहीं भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने आईबी अधिकारी अंकित शर्मा की मौत में हुसैन का हाथ होने का आरोप लगाया है। ऐसे में केजरीवाल के ऊपर अपने पार्षद के ऊपर बयान देने का दबाव बन गया था।
हिंसा में जले उत्तर पूर्वी दिल्ली के इलाके
बता दें कि 24 फरवरी को सीएए समर्थकों एवं विरोधियों के बीच टकराव हिंसक हो गया। 25 फरवरी को उत्तर पूर्वी दिल्ली के जाफराबाद, मौजपुर, करावल नगर, चांद बाग, भजनपुरा, बाबरपुर और यमुना विहार में बड़े पैमाने पर हिंसा हुई। इन इलाकों में उपद्रवियों ने बड़ी पैमाने पर हिंसा एवं आगजनी की। इमारतों और दुकानों को आग के हवाले कर दिया गया। इस हिंसा में अब तक कम से कम 34 लोगों की जान जा चुकी है और बड़ी संख्या में लोगों का इलाज किया जा रहा है।
उत्तर पूर्वी दिल्ली में हिंसक घटनाओं को थमता न देख केंद्र सरकार सक्रिय हुई और उसने राजधानी में कानून-व्यवस्था की कमान राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल को सौंप दी। डोभाल ने मंगलवार रात हिंसा ग्रस्त इलाकों का दौरा किया और बुधवार की शाम वह मौजपुर में हिंसा पीड़ितों से मिले और उनकी बातें सुनीं। इस दौरान एनएसए ने सुरक्षा का भरोसा दिया और कहा कि उनकी सुरक्षा के लिए दिल्ली पुलिस मुस्तैद है। डोभाल के आश्वासन के बाद उत्तर पूर्वी दिल्ली में हालात तेजी से सामान्य होने लगे। गुरुवार को कहीं भी हिंसा की नई घटना सामने नहीं आई।