- राजस्थान के कोटा में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करते हैं दिल्ली के छात्र
- सरकार ने अन्य राज्यों में फंसे लोगों को निकालने की अनुमति दी है
- कोटा से उत्तर प्रदेश सरकार अपने 8000 छात्रों को निकाल चुकी है
नई दिल्ली : देश के अलग-अलग हिस्सों में लॉकडाउन में फंसे प्रवासी नागरिकों को निकालने की सरकार से मंजूरी मिलने के बाद राज्य अपने लोगों को निकालने की तैयारी में जुट गए हैं। इसके लिए दिल्ली सरकार ने भी अपनी तैयारी शुरू कर दी है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार को कहा कि राजस्थान के कोटा में फंसे दिल्ली के छात्रों को उनकी सरकार निकालेगी और इसके लिए तैयारी शुरू कर दी गई है।
छात्रों को निकालने की व्यवस्था बना रहे केजरीवाल
मुख्यमंत्री ने अपने एक ट्वीट में कहा, 'कोटा से दिल्ली के छात्रों को निकालने के लिए सरकार व्यवस्था बना रही है। छात्रों को जल्द दिल्ली लाया जाएगा।' इस बीच, दिल्ली पुलिस के पीआरओ एमएस रंधावा ने बताया कि दिल्ली सरकार और पुलिस अन्य राज्यों से नागरिकों को लाने के लिए तैयारियों को अंतिम रूप दे रही हैं। पुलिस अधिकारी ने कहा कि वे अन्य राज्यों के कमिश्नरों से संपर्क में हैं। उन्होंने कहा, 'दिल्ली वापस आने वाले लोगों को पहले रजिस्ट्रेशन कराना होगा।' उन्होंने लोगों से अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की।
प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने जाते हैं छात्र
बता दें कि प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने के लिए हर साल बड़ी संख्या में दिल्ली से छात्र कोटा जाते हैं। उत्तर प्रदेश सरकार कोटा से अपने करीब 8000 छात्रों को निकाल चुकी है जबकि महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल सहित कई राज्यों ने कोटा से अपने छात्रों को निकालने का फैसला किया है। गत बुधवार को महाराष्ट्र ने अपने छात्रों को वापस बुलाने के लिए करीब 70 बसें कोटा के लिए रवाना कीं।
बिधूड़ी ने केजरीवाल को पत्र लिखा
दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कोटा से छात्रों को जल्द निकालने के लिए मुख्यमंत्री केजरीवाल को पत्र लिखा है। बता दें कि कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए सरकार ने गत 25 मार्च से देश में लॉकडाउन की घोषणा की। इस घोषणा के बाद देश के अलग-अलग जगहों पर मौजूद छात्र, पर्यटक, तीर्थयात्री और मजदूर फंस गए। लोगों की हो रही परेशानियों को देखते हुए गृह मंत्रालय ने बुधवार को राज्यों को शर्तों के साथ अपने नागरिकों को वापस बुलाने की अनुमति दी।