- उत्तराखंड में अगले साल विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है AAP
- केजरीवाल ने पंजाब की तरह यहां भी मुफ्त बिजली का मुद्दा उठाया है
- केजरीवाल 11 जुलाई को उत्तराखंड के दौरे पर जाने वाले हैं
नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल रविवार को देहरादून जाएंगे। केजरीवाल का उत्तराखंड का यह पहला दौरा है।
इससे पहले केजरीवाल ने ट्विटर पर कहा कि उत्तराखंड बिजली पैदा करता है और दूसरे राज्यों को भी बेचता है लेकिन फिर भी यह राज्य के लोगों के लिए महंगी है। दिल्ली अपनी बिजली खुद पैदा नहीं करती, दूसरे राज्यों से खरीदती है। फिर भी दिल्ली में बिजली मुफ्त है। क्या उत्तराखंड के लोगों को मुफ्त बिजली नहीं मिलनी चाहिए? कल देहरादून में मिलते हैं।
केजरीवाल के ट्वीट पर उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा, 'उनका चुनाव का एजेंडा हो सकता है लेकिन हमारा एजेंडा राज्य की जनता को बेहतरीन काम देना है। हम चुनाव के लिए काम नहीं कर रहे हैं। विकास ही हमारे सामने चुनौती है।'
इस साल फरवरी में, दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने 2022 के विधानसभा चुनावों की तैयारी के लिए एक जनसंपर्क अभियान- 'उत्तराखंड में भी केजरीवाल' शुरू किया था। नवंबर 2000 में उत्तराखंड के गठन के बाद से राज्य में केवल भाजपा और कांग्रेस की सत्ता रही है।
100 यूनिट बिजली मिलेगी फ्री?
पहाड़ी राज्य के दौरे से पहले केजरीवाल का यह बयान उत्तराखंड के बिजली मंत्री हरक सिंह रावत द्वारा घरेलू उपभोक्ताओं को हर महीने 100 यूनिट बिजली मुफ्त मुहैया कराने की घोषणा के बाद आया है। रावत ने कहा कि राज्य में करीब 13 लाख उपभोक्ता ऐसे हैं जो 100 से 200 यूनिट बिजली खर्च करने के दायरे में आते हैं और 100 यूनिट प्रति माह बिजली इस्तेमाल करने वालों को मुफ्त बिजली दी जाएगी। उन्होंने कहा कि 101 से 200 यूनिट प्रति माह का उपयोग करने वालों को 50 प्रतिशत की छूट मिलेगी।
अधिकारियों को प्रस्ताव बनाने को कहा
उन्होंने आगे कहा, 'इससे राज्य के दूरदराज के इलाकों के उपभोक्ताओं को फायदा होगा। हालांकि उत्तराखंड में बिजली का बिल दो महीने के लिए आता है, लेकिन इस योजना का लाभ प्रति माह यूनिट के आधार पर दिया जाएगा। यानी अगर किसी को 2 महीने में 200 यूनिट का बिल मिलता है तो उसे कोई पैसा नहीं देना होगा।' राज्य के डेयरी, बागवानी और कृषि क्षेत्र से जुड़े उपभोक्ता, जो अब तक वाणिज्यिक श्रेणी में आते थे, उन्हें अब बिजली उपभोक्ताओं की घरेलू श्रेणी में लाया जाएगा। रावत ने कहा कि अधिकारियों को इस घोषणा का प्रस्ताव जल्द से जल्द देने के निर्देश दिए गए हैं, जिसके बाद इसे कैबिनेट में रखा जाएगा।