हैदराबाद: गृह मंत्री अमित शाह ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) पर खुली बहस के लिए विपक्षी नेताओं को चुनौती दी, तो ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (AIMIM) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने उन्हें राहुल गांधी या ममता बनर्जी की बजाय उनके साथ बहस करने के लिए कहा। उन्होंने कहा, 'मैं यहां हूं, मेरे साथ बहस करो। इन लोगों के साथ क्यों? दाढ़ी वाले से करो ना। हम सीएए, एनपीआर और एनआरसी पर बात करेंगे और बहस करेंगे।'
नगर निकाय चुनाव से पहले करीमनगर में एक रैली को संबोधित करते हुए मंगलवार रात को ओवैसी ने अमित शाह को ये चुनौती दी।
मंगलवार को लखनऊ में एक रैली में शाह ने विपक्षी नेताओं पर सीएए पर लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाया और राहुल गांधी, ममता बनर्जी, अखिलेश यादव और मायावती को अधिनियम पर बहस करने की चुनौती दी। उन्होंने कहा, 'मोदी जी CAA लेकर आए, और सीएए के खिलाफ, ये राहुल बाबा एंड कंपनी, ममता, अखिलेश जी, बहन मायावती, सारी की सारी बिग्रेड CAA के खिलाफ बोलने लगे।'
बसपा प्रमुख मायावती ने भी अमित शाह की चुनौती को स्वीकारा है। उन्होंने ट्वीट किया, 'अति-विवादित CAA/NRC/NPR के खिलाफ पूरे देश में खासकर युवा व महिलाओं के संगठित होकर संघर्ष व आन्दोलित हो जाने से परेशान केन्द्र सरकार द्वारा लखनऊ की रैली में विपक्ष को इस मुद्दे पर बहस करने की चुनौती को BSP किसी भी मंच पर व कहीं भी स्वीकार करने को तैयार है।'
गृह मंत्री ने रैली में कहा था, 'इस बिल को लोकसभा में मैंने पेश किया है। मैं विपक्षियों से कहना चाहता हूं कि आप इस बिल पर सार्वजनिक रूप से चर्चा कर लो। यदि ये अगर किसी भी व्यक्ति की नागरिकता ले सकता है, तो उसे साबित करके दिखाओ। देश में सीएए के खिलाफ भ्रम फैलाया जा रहा है, दंगे कराए जा रहे हैं। सीएए में कहीं पर भी किसी की नागरिकता लेने का कोई प्रावधान नहीं है, इसमें नागरिकता देने का प्रावधान है ... मैं आज डंके की चोट पर कहने आया हूं कि जिसको विरोध करना है करे, सीएए वापस नहीं होने वाला है। सीएए के खिलाफ प्रचार किया जा रहा है कि इससे देश के मुसलमानों की नागरिकता चली जाएगी। मैं कहने आया हूं कि जिसमें भी हिम्मत है वह इस पर चर्चा करने के लिये सार्वजनिक मंच ढूंढ ले। हम चर्चा करने के लिये तैयार हैं।'