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'संसद सत्र में प्रश्नकाल न होना, संविधान के खिलाफ', असदुद्दीन ओवैसी ने लोकसभा अध्‍यक्ष को लिखा पत्र

Updated Sep 03, 2020 | 11:29 IST

Asaduddin Owaisi on not having Question Hour: कोरोना महामारी के कारण संसद के आगामी मानसून सत्र में प्रश्‍नकाल को शामिल नहीं किय गया है, जिस पर ओवैसी ने लोकसभा अध्‍यक्ष को पत्र लिखा है।

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तस्वीर साभार:&nbspBCCL
'संसद सत्र में प्रश्नकाल न होना, संविधान के खिलाफ', असदुद्दीन ओवैसी ने लोकसभा अध्‍यक्ष को लिखा पत्र
मुख्य बातें
  • संसद का आगामी सत्र 14 सितंबर से शुरू हो रहा है
  • कोरोना महामारी को देखते हुए कई बदलाव किए गए हैं
  • इस बार प्रश्‍नकाल को संसद सत्र में शामिल नहीं किया गया है

नई दिल्‍ली : संसद का मानसून सत्र 14 सितंबर से शुरू होने जा रहा है और कोरोना संक्रमण को देखते हुए इस बार कई बदलाव किए गए हैं। इसमें न तो प्रश्न काल होगा और न ही गैर सरकारी विधेयक लाए जा सकेंगे। कोरोना महामारी के दौर में पैदा हुई असाधारण परिस्थितियों का हवाला देते हुए शून्यकाल को भी सीमित कर दिया गया है, जिस पर विपक्ष ने ऐतराज जताया है। इसका विरोध करने वालों में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी भी हैं। उन्‍होंने इसे लेकर लोकसभा अध्‍यक्ष ओम बिड़ला को पत्र भी लिखा है।

हैदराबाद से चौथी बार लोकसभा के लिए निर्वाचित ओवैसी ने आगामी संसद सत्र में प्रश्‍नकाल के नहीं होने को संविधान की मूल अवधारणा के खिलाफ बताया है। उन्‍होंने कहा, 'आगामी संसद सत्र में प्रश्‍नकाल के नहीं होने को लेकर मैंने लोकसभा अध्‍यक्ष ओम बिड़ला जी को पत्र लिखा है। यह सत्‍ता के पृथक्करण के सिद्धांत के खिलाफ है, जो हमारे संविधान की मूल संरचना का हिस्‍सा है।'

प्रश्नकाल रखने का अनुरोध

उन्‍होंने यह भी कहा कि लोकतंत्र में संसद ऐसी जगह है, जहां सरकारों को उनके गलत कार्यों के लिए जिम्मेदार ठहराया जाता है, उनकी निष्क्रियता पर सवाल किए जाते हैं और उनके बारे में तमाम खुलासे भी किए जाते हैं। संसद की प्रतिष्‍ठा तो वास्‍तव में प्रश्‍नकाल से है, जब सदस्‍य सवाल करते हैं और सरकार को जवाब देना होता है।

लोकसभा सांसद ने कहा कि उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष से केवल एक दिन प्रश्नकाल रखने का अनुरोध भी किया और कहा कि यह संसद के अंतिम कार्य दिवस पर हो सकता है। लोकसभा अध्‍यक्ष इस संबंध में संशोधित बुलेटिन जारी कर सकते हैं और चार घंटे के कम से कम एक कार्य दिवस में प्रश्नकाल की अनुमति दे सकते हैं।

इस तरह चलेगी संसद की कार्यवाही

17वीं लोकसभा का चौथा सत्र 14 सितंबर को शुरू होने जा रहा है, जो 1 अक्‍टूबर तक चलेगा। लोकसभा और राज्‍यसभा, दोनों सदनों की कार्यवाही अलग-अलग पालियों में सुबह 9 बजे से दोपहर 1 बजे तक और अपराह्न 3 बजे से शाम 7 बजे तक चलेगी। शनिवार और रविवार को भी संसद की कार्यवाही जारी रहेगी। पहले दिन लोकसभा की कार्यवाही सुबह 9 बजे से दोपहर 1 बजे तक चलेगी। इसके बाद राज्यसभा की कार्यवाही सुबह की पाली में चलेगी, जबकि लोकसभा की कार्यवाही शाम की पाली में होगी।

सामान्‍य परिस्थितियों में लोकसभा में प्रश्नकाल पूर्वाह्न 11 बजे से 12 बजे के बीच होता रहा है, जिसमें सदस्य मंत्रियों से संबंधित विभागों से जुड़े प्रश्न सरकार से पूछते हैं। इसके बाद शून्यकाल होता है, जिसमें सदस्य अपने क्षेत्र अथवा जनहित के दूसरे मुद्दे उठाते हैं। लेकिन इस बार प्रश्‍नकाल को जहां नहीं रखा गया है, वहीं शून्‍यकाल को भी सीमित किया गया है।

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