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भारत के पहले CDS जनरल बिपिन रावत के सम्मान में ऑस्ट्रेलिया ने उठाया ये कदम, दोनों देशों के बीच शुरू होगा ये कार्यक्रम

Updated Mar 21, 2022 | 23:47 IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन के बीच हुए वर्चुअल शिखर सम्मेलन में कई घोषणाएं की गई हैं। ऑस्ट्रेलिया-भारत युवा रक्षा अधिकारियों का आदान-प्रदान कार्यक्रम शुरू होगा, जिसका नाम देश के पहले CDS जनरल बिपिन रावत के नाम पर रखा गया है।

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जनरल बिपिन रावत
मुख्य बातें
  • भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच युवा रक्षा अधिकारियों के आदान-प्रदान के कार्यक्रम की घोषणा
  • कार्यक्रम का नाम भारत के पहले प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल विपिन रावत के नाम पर
  • जनरल रावत की मौत पिछले साल दिसंबर में हेलीकॉप्ट दुर्घटना में हो गई थी

सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन के बीच वर्चुअली शिखर वार्ता हुई। विदेश मंत्रालय ने भारत-ऑस्ट्रेलिया शिखर सम्मेलन के दौरान हस्ताक्षरित दस्तावेजों की सूची की घोषणा की। ऑस्ट्रेलिया सरकार ने जनरल रावत इंडिया-ऑस्ट्रेलिया यंग डिफेंस ऑफिसर्स एक्सचेंज प्रोग्राम की स्थापना की घोषणा की है। दोनों देशों ने आपसी रक्षा सहयोग बढ़ाने के लिए युवा सैन्य अधिकारियों के आदान-प्रदान कार्यक्रम की शुरुआत की घोषणा हुई। ऑस्ट्रेलिया ने कहा कि इसे भारत के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल बिपिन रावत के नाम पर शुरू किया जाएगा।

जनरल बिपिन रावत की पिछले साल दिसंबर में एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मौत हो गई थी। हेलीकॉप्टर दुर्घटना में जनरल रावत की पत्नी मधुलिका रावत और रक्षा बल के 12 अन्य जवानों की भी मौत हो गई थी। 

गौर करने वाली बात है कि इस कार्यक्रम की घोषणा उसी दिन हुई है जिस दिन राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने जनरल बिपिन रावत (मरणोपरांत) को पद्म विभूषण से सम्मानित किया। जनरल बिपिन रावत की बेटियों कृतिका और तारिणी ने पद्म विभूषण पुरस्कार प्राप्त किया। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के रूप में जनरल रावत ने अपने कार्यकाल के दौरान भारतीय सशस्त्र बलों के पुनर्गठन और आधुनिकीकरण पर खूब जोर दिया। उन्होंने प्रशिक्षण में संयुक्त कौशल की दिशा में सुधारों को आगे बढ़ाया और कई संयुक्त प्रशिक्षण संस्थानों को कार्यात्मक बनाया।

जनरल रावत को जनवरी 2020 में देश का पहली सीडीएस नियुक्त किया गया था। उससे पहले 17 दिसंबर 2016 को भारत सरकार ने उन्हें 27वें थल सेना प्रमुख के रूप में नियुक्त किया था। सैम मानेकशॉ और दलबीर सिंह सुहाग के बाद वह गोरखा ब्रिगेड के तीसरे अधिकारी थे जो सेनाध्यक्ष बने।

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