- अयोध्या केस की सुनवाई का आज अंतिम व 40वां दिन है
- सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शाम 5 बजे तक पूरी होने के आसार हैं
- 39 दिनों की सुनवाई में कई दिलचस्प टिप्पणियां आईं
नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या राम जन्मभूमि केस की सुनवाई का आज (बुधवार, 16 अक्टूबर) अंतिम दिन है, जिसके बाद विवाद के समाधान की उम्मीद की जा रही है। अयोध्या टाइटल केस की रोजाना सुनवाई 6 अगस्त, 2019 को शुरू हुई, जिसका आज 40वां दिन है। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा था कि 16 अक्टूबर को इसकी सुनवाई का अंतिम दिन होगा। बुधवार को इस मामले की सुनवाई शाम 5 बजे तक पूरे होने के आसार हैं। इससे पहले 39 दिनों की सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस और मामले की सुनवाई कर रही सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ की ओर से कई दिलचस्प टिप्पणियां आई, जिसने खूब सुर्खियां बटोरी। अब तक की सुनवाई में शीर्ष अदालत ने क्या खास कहा, इस पर एक नजर :
चौथा दिन : सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान सवाल किया कि क्या भगवान राम के वंशजों में से कोई अब भी इस दुनिया में है? कोर्ट की इस टिप्पणी के बाद राजस्थान में जयपुर और मेवाड़ के कई राजघरानों की ओर से राम के वंशज होने का दावा किया गया।
छठा दिन : अयोध्या केस में सुनवाई के दौरान हिन्दू पक्ष की ओर से ऐतिहासिक पुस्तकों, विदेश यात्रियों के यात्रा वृतांत सहित वेद-स्कंद पुराण को लेकर भी दलीलें भी पेश की गईं।
आठवां दिन : सुनवाई के आठवें दिन रामलला विराजमान के वकील ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए कहा कि जज ने अपने फैसले में लिखा है कि मंदिर ढहाकर मस्जिद बनाई गई।
नौवां दिन : रामलला विराजमान की ओर से कहा गया कि महज मस्जिद जैसा ढांचा खड़ा कर कोई भी इस भूमि पर मालिकाना हक का दावा नहीं कर सकता।
18वां दिन : मामले की सुनवाई के 18वें दिन मुस्लिम पक्षकारों ने कहा कि 22-23 दिसंबर, 1949 को साजिशन कुछ अधिकारियों की हिन्दुओं के साथ मिलीभगत से बाबरी मस्जिद में मूर्तियां रखी गईं।
22वां दिन : मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन ने कहा कि उन्हें फेसबुक पर जान से मारने की धमकी मिली है, जिसके बाद चीफ जस्टिस ने कहा कि ऐसा नहीं होना चाहिए।
26वां दिन : सुप्रीम कोर्ट ने सभी पक्षों से 18 अक्टूबर तक अपनी दलीलें पूरी करने के लिए कहा, ताकि जजों को फैसला लिखने के लिए कम से कम चार सप्ताह का वक्त मिल सके।
27वां दिन : मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन ने बाबरी मस्जिद की मुख्य गुंबद के नीचे गर्भगृह होने की बात को गढ़ा हुआ बताया, जिसके बाद पीठ ने जब इस बारे में सवाल किया तो अधवक्ता ने जजों के रवैये को ही आक्रामक करार दिया। हालांकि बाद में धवन ने इसके लिए माफी मांग ली।
30वां दिन : मुस्लिम पक्ष की ओर से कहा गया कि बाबरी मस्जिद के निर्माण के तकरीबन 70 साल बाद रामचरित मानस की रचना हुई और उसमें कहीं भी इसका जिक्र नहीं है कि राम का जन्मस्थान मस्जिद वाली जगह पर है, जिसका अर्थ यह है कि इस बारे में हिन्दुओं की आस्था बाद में बदल गई।
31वां दिन : मुस्लिम पक्षकार अपने उस बयान से पीछे हट गए, जिसमें उन्होंने कहा कि विवादित स्थल के बाहरी हिस्से में बना 'राम चबूतरा' ही भगवान राम का जन्मस्थान है। मुस्लिम पक्ष ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की उस रिपोर्ट पर भी हमला बोला, जिसमें इसके संकेत दिए गए कि यह ढांचा बाबरी मस्जिद के निर्माण से पहले का था।
32वां दिन : मुस्लिम पक्ष ने ASI पर की गई अपनी टिप्पणी पर यू-टर्न लिया और समय बर्बाद करने के लिए माफी मांगी।
38वां दिन : मुस्लिम पक्ष की ओर से यह आरोप लगाया गया कि हिन्दू पक्ष से सवाल नहीं किए जा रहे हैं।
39वां दिन : सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मामले में सुनवाई का अंतिम दिन बुधवार, 16 अक्टूबर को होगा।