- प्रायश्चित पूजन के साथ ही खुदाई वाले क्षेत्रफल का समतलीकरण का कार्य सोमवार को शुरू हो गया
- ट्रस्ट के पदाधिकारियों ने रामजन्मभूमि परिसर में गर्भगृह स्थल पर वैदिक विधिविधान पूर्वक पूजन किया
- 5 एकड़ भूमि में से 2.77 एकड़ भूमि पर राम मंदिर निर्माण कार्य किया जा रहा है
अयोध्या में करोड़ों लोगों की आस्था के प्रतीक भगवा श्रीराम के भव्य मंदिर निर्माण का कार्य शुरू हो गया है इस क्रम में निर्माण के लिए 250 फीट चौड़ा, 400 फीट लंबी व 40 गहरी नींव की खुदाई का कार्य पूरा कर लिया गया है अब 40 फीट गहरे विशाल भूखंड को भरने के लिए काम शुरू किया जाएगा, इस कार्य हेतू सोमवार को शुभ मुहूर्त में 10:55 बजे से ट्रस्ट के पदाधिकारियों ने पूजन किया, नींव भराई के बाद श्रीराम मंदिर के निर्माण का कार्य धीरे-धीरे और आगे की ओर बढ़ेगा।
शुभ मुहूर्त पर विधि-विधान के साथ भगवान श्री गणेश, विष्णु और श्री लक्ष्मी जी तथा विश्वकर्मा भगवान के पूजन के साथ 40 फीट गहरी नींव की भराई का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है।
सोमवार को प्रायश्चित पूजन के साथ ही खुदाई वाले क्षेत्रफल का समतलीकरण व मिट्टी को रोलर से दबाने का कार्य सोमवार को शुरू हो गया इसके बाद इस पूरे भू-भाग को नींव भरने के लिए प्रयुक्त होने वाली विशेष सामग्री से भराई करने का कार्य एक सप्ताह में शुरू होगा ये यह कार्य तब तक चलेगा, जबतक कि खोदी गई 40 फीट की गहराई भर न जाए।
ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय ने बताया कि जन्मभूमि परिसर में जिस स्थान पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भूमि पूजन किया था, वह समुद्रतल से 105 मीटर ऊंचाई पर था। रडार सर्वे के बाद जब पता चला कि यहां से 12-13 मीटर नीचे तक मलबा है, तो इसे हटाने का कार्य शुरू किया गया। 10 मीटर गहराई के बाद साफ सुथरी मिट्टी दिखने लगी।
40 फीट के नीचे अब खुदाई का कार्य नहीं किया जाएगा गहरे तल पर समतलीकरण व रोलर चलाकर मिट्टी को दबाने का कार्य शुरू हो गया है। सतह तक आने के बाद भी दो फीट मिट्टी की पटाई होगी और फिर इसके आगे मंदिर निर्माण में शिलाओं का प्रयोग शुरू होगा।
भूमिपूजन होने के बाद से ही राममंदिर के निर्माण कार्य में तेजी लाई गई है
श्रीराम जन्मभूमि परिषद की 5 एकड़ भूमि में से 2.77 एकड़ भूमि पर राम मंदिर निर्माण कार्य किया जा रहा है जिसमें गर्भग्रह के स्थल सहित पूरे 2.77 एकड़ भूमि को 40 फीट गहरी खुदाई का काम पूरा किया जा चुका है, जिसके लिए वास्तुशास्त्र के हिसाब से मुहूर्त रखा गया था।