- परिवार की हत्या करने वाली शबनम की फांसी की सजा पर अयोध्या के संत का बड़ा बयान
- महंत परमहंस दास बोले- माफ होने चाहिए शबनम की फांसी की सजा
- आजादी के बाद पहली बार होगी किसी महिला को फांसी की सजा
अयोध्या: अपने प्रेमी के साथ पूरे परिवार की निर्मम तरीके से हत्या करने वाली शबनम को जल्द ही फांसी दी जा सकती है। मथुरा जेल में इसे लेकर तमाम तैयारियां चल रही है। इस बीच शबनम की फांसी की सजा को लेकर अयोध्या की तपस्वी छावनी के महंत परमहंस दास ने बड़ा बयान दिया है। महंत दास ने कहा है कि शबनम का अपराध बहुत बड़ा है लेकिन महिला होने के नाते उनकी फांसी की सजा माफ होनी चाहिए। महंत परमदास ने कहा कि हिंदू शास्त्रों में महिला का स्थान पुरुष से बहुत ऊपर है इसलिए एक महिला को मृत्युदंड देने से समाज का भला नहीं होगा।
आपदाओं को मिलेगा न्यौता
टाइम्स ऑफ इंडिया से बात करते हुए महंत परमदास ने कहा कि एक महिला को फांसी देने से समाज का भला नहीं होगा बल्कि इससे आपदाओं को न्यौता मिलेगा। उन्होंने कहा, 'हिंदू धर्म के गुरु होने के नाते मैं राष्ट्रपति से अपील करता हूं कि शबनम की दया याचिका को स्वीकार कर लें। जेल में अपने अपराध के लिए वह प्रायश्चित कर चुकी है। अगर उसे फांसी दी गई तो यह इतिहास का सबसे दुर्भाग्यपूर्ण अध्याय होगा।'
बेटे ने की अपील
इससे पहले शबनम के बेटे ने भी राष्ट्रपति से अपील कर उनकी मां की फांसी की सजा को माफ करने की मांग की थी। शबनम को लोअर कोर्ट से लेकर सर्वोच्च न्यायालय तक दोषी करार दे चुका है और किसी ने भी उनकी फांसी की सजा को कम नहीं किया है। ऐसे में शबनम के पास अब राष्ट्रपति से माफी का विकल्प बचा है।
क्या है शबनम का दोष
15 अप्रैल 2008 को को शबनम ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर ऐसी खौफनाक वारदात को अंजाम दिया था जिससे पूरा देश सन्न रह गया था। शबनम ने अपने ही परिवार के सात लोगों की निर्मम तरीके से हत्या कर दी थी। शबनम के प्रेमी को भी फांसी की सजा मिली है। शबनम 2019 जुलाई से रामपुर की जेल में बंद है। फिलहाल मथुरा जेल ही यूपी में एकमात्र ऐसा स्थान है जहां महिलाओं को फांसी दी जा सकती है इसलिए शबनम की फांसी की तैयारियां मथुरा जेल में की जा रही है।