- अदालत भाजपा नेता मुरली मनोहर जोशी का आज बयान दर्ज करेगी
- भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी का बयान शुक्रवार को दर्ज हो सकता है
- गृह मंत्री अमित शाह ने आडवाणी से उनके घर पर मुलाकात की है
नई दिल्ली : साल 1992 के बाबरी मस्जिद मस्जिद विध्वंस मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की एक विशेष अदालत भाजपा नेता मुरली मनोहर जोशी का आज बयान दर्ज करेगी जबकि पूर्व उप प्रधानमंत्री एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी का बयान शुक्रवार को दर्ज हो सकता है। दोनों नेताओं के बयान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए दर्ज होने हैं। इस केस की रोजाना सुनवाई कर रही सीबीआई की विशेष अदालत इन दिनों बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले के 32 आरोपियों के बयान दर्ज कर रही है।
विशेष न्यायाधीश एसके यादव ने सोमवार को कहा कि मामले में 92 वर्षीय आडवाणी के बयान 24 जुलाई और 86 वर्षीय जोशी के बयान 23 जुलाई को दर्ज करने का आदेश दिया। वहीं, भाजपा नेता उमा भारती इस महीने की शुरुआत में कोर्ट के सामने व्यक्तिगत रूप से पेश होकर अपना बयान दर्ज कराया। अपने बयान में उमा भारती ने कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार पर आरोप लगाया है। भाजपा नेता का आरोप है कि राजनीतिक बदले की भावना के तहत उन्हें इस मामले में फंसाया गया।
छह दिसंबर 1992 को कारसेवकों ने बाबरी मस्जिद गिराया
छह दिसंबर 1992 को कारसेवकों ने बाबरी मस्जिद का गिरा दिया। इस समय आडवाणी और जोशी देश भर में मंदिर अभियान का नेतृत्व कर रहे थे। मामले में बुधवार को शिवसेना के नेता सतीश प्रधान का बयान दर्ज होना था लेकिन उनकी रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आ गई जिसके चलते वह कोर्ट के समक्ष पेश नहीं हो सके। प्रधान को आइसोलेशन में रहने की सलाह दी गई है। प्रधान की हालत को देखते हुए कोर्ट ने उनका बयान दर्ज करने की तारीख 28 जुलाई तय की है।
इस बीच, गृह मंत्री अमित शाह ने आडवाणी से उनके घर पर मुलाकात की है। शाह और आडवाणी की मुलाकात ऐसे समय में हुई है जब 24 जुलाई को आडवाणी को बाबरी मस्जिद मस्जिद विध्वंस मामले की सुनवाई कर रही सीबीआई की विशेष अदालत में वीडियो कांफ्रेंस के जरिए बयान दर्ज कराना है। सूत्रों ने बताया कि इस मामले को लेकर 92 वर्षीय आडवाणी से मुलाकात के दौरान शाह के साथ सरकारी वकील भी मौजूद थे।