- ऑयल इंडिया लिमिटेड के तेल कुएं में लगी आग काफी भीषण है
- इलाके के हजारों लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया गया है
- कुएं में आग उस समय लगी जब वहां सफाई की जा रही थी
गुवाहाटी : असम के पर्यावरण एवं वन मंत्री परिमल सुक्लावैद्य ने बुधवार को कहा कि राज्य के बागजीन तेल कुआं में लगी भीषण आग पर काबू पाने के लिए सरकार अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास कर रही है। इस आग की चपेट में आने से छह लोग घायल हुए हैं। आग समीप गांवों तक फैल गई है। उन्होंने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा कि स्थिति अभी नियंत्रण में है। मंत्री ने बताया कि मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने केंद्रीय मंत्रियों से बात की है और राज्य का दमकल विभआग एवं अधिकारी स्थिति पर नियंत्रण पाने के लिए सर्वश्रेष्ठ प्रयास कर रहे हैं।
तेल कुएं में मंगलवार को लगी भीषण आग
बता दें कि तिनसुकिया जिले में स्थित बागजान तेल कुआं में मंगलवार को भीषण आग लग गई। कुएं से पिछले 14 दिन से अनियंत्रित तरीके से गैस का रिसाव हो रहा था। ऑयल इंडिया लिमिटेड के तेल कुएं में लगी आग इतनी भीषण है कि उसकी लपटें 30 किलोमीटर से भी ज्यादा दूर से देखी जा सकती हैं, कई मीटर की ऊंचाई तक धुएं का गुब्बार उठ रहा है। 27 मई को हुए भीषण विस्फोट के बाद आज की घटना से आसपास की जैव विविधता को अच्छा-खासा नुकसान हुआ है।
दमकलकर्मी हुआ घायल
कुएं का आग बुझाने में जुटे सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉरपोरेशन (ओएनजीसी) का एक दमकलकर्मी बुरी तरह घायल हो गया है। ऑयल इंडिया का कहना है कि इस आग पर काबू पाने में चार सप्ताह तक का वक्त लग सकता है। मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने घटना के संबंध में केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और केन्द्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से फोन पर बात कर आग को बुझाने में तत्काल मदद मांगी है। कुएं में आग उस वक्त लगी जब वहां सफाई अभियान चल रहा था।
केंद्र ने ममद का दिया भरोसा
केन्द्र ने सोनोवाल को हरसंभव मदद का आश्वासन दिया है, उन्हें कहा गया है कि जरुरत पड़ने पर वायुसेना भी मदद के लिए तैयार है। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि डिब्रू-साईखोवा राष्ट्रीय उद्यान के पास स्थित इस कुएं में आज दोपहर में विस्फोट हुआ जिसके बाद आसपास के पूरे इलाके को काले धुएं की चादर ने ढंक लिया। आग लगने के बाद वहां आसपास लोगों ने प्रदर्शन किया क्योंकि कोविड-19 संकट से जूझ रहे लोगों के लिए जीविका का संकट खड़ा हो गया है।
हजारों लोग सुरक्षित जगहों पर पहुंचाए गए
जिला प्रशासन ने प्राकृतिक गैस के रिसाव और उसके प्रभावों के मद्देनजर आसपास रहने वाले हजारों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है। ऑयल इंडिया ने एक बयान में कहा कि कुएं के आसपास हो रहे प्रदर्शनों के मद्देनजर मुख्य सचिव और तिनसुकिया जिला प्रशासन से कानून-व्यवस्था बनाए रखने का अनुरोध किया गया है, ताकि विशेषज्ञ वहां तक पहुंच सकें और कुएं को नियंत्रित करने का अभियान शुरू कर सकें।
अभियान में 4 सप्ताह का समय लगेगा
बयान में कहा गया है कि ऑयल इंडिया और ओएनजीसी के कर्मचारियों को वहां से हटाया जा रहा है और हालात सामान्य होने के बाद सिंगापुर की फर्म ‘अलर्ट डिजास्टर कंट्रोल’ के विशेषज्ञ और सरकारी कंपनी के विशेषज्ञ मौके पर पहुंचेंगे। बयान में कहा गया है कि कुएं से हो रहे गैस के रिसाव को रोकने में सोमवार से ही जुटे सिंगापुर के तीन विशेषज्ञों को विश्वास है कि हालात पर काबू पाया जा सकता है और कुएं को सुरक्षित बचाया जा सकता है। बयान के अनुसार, इस पूरे अभियान में चार सप्ताह का समय लगने की संभावना है लेकिन विशेषज्ञों की टीम इसे कम करने में जुटी है।