- हिमंता बिश्वा सरमा के चुनावी प्रचार पर रोक लगाने की मांग
- कांग्रेस ने मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट के उल्लंघन का लगाया आरोप
- असम में 30 अक्टूबर को होना है विधानसभा उपचुनाव
असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिश्वा सरमा पर आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए कांग्रेस ने चुनाव आयोग से उनके उपचुनाव में प्रचार करने पर रोक लगाने की मांग की। इसी मांग को लेकर कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल मुख्य चुनाव आयुक्त से मिला था। इसमें असम कांग्रेस के प्रभारी जितेंद्र सिंह और वरिष्ठ नेता रणदीप सुरजेवाला शामिल थे।
मतदाताओं को प्रभावित करने का आरोप
केंद्रीय चुनाव आयोग के सामने अपनी मांग रखने के बाद रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि असम में मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए भ्रष्टाचार हो रहा है। सुरजेवाला ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिश्वा सरमा जो कि चुनाव आचार संहिता तोड़ने के आदतन अपराधी हैं उनके चुनाव प्रचार करने पर रोक लगनी चाहिए क्योंकि वो सरकारी खजाने और मशीनरी का दुरुपयोग करके मतदाताओं को डरा-धमका रहे हैं। कांग्रेस प्रतिनिमण्डल ने चुनाव आयोग से मांग की है कि असम मुख्यमंत्री के प्रचार पर रोक लगाने के साथ ही उन पर एफआईआर दर्ज की जाए।
30 अक्टूबर को है विधानसभा उपचुनाव
चुनाव आयोग के सामने डेलिगेशन ने असम के चुनाव अधिकारी को दी गयी शिकायतों की कॉपी और एक पेन ड्राइव सौंपी जिसनें असम सीएम हिमंता बिश्वा सरमा के आचार संहिता उल्लंघन से जुड़े वीडियो साक्ष्य हैं। असम कांग्रेस के प्रभारी जितेंद्र सिंह ने बताया कि बिश्वा सरमा को चुनाव आयोग ने नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। असम में 30 अक्तूबर को विधानसभा उपचुनाव होना है। इससे पहले चुनाव आयोग ने विधानसभा चुनाव के दौरान असम के मंत्री हिमंत बिश्वा सरमा को बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट के प्रमुख हाग्रामा मोहिलरी के खिलाफ कथित रूप से धमकी भरी टिप्पणी करने के लिए 48 घंटे के लिए प्रचार करने से रोक दिया था।