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बरेली में नए 'लव जिहाद' कानून के तहत पहली FIR, युवती से जबरन धर्म परिवर्तन कराने की कोशिश

Updated Nov 29, 2020 | 12:57 IST

उत्तर प्रदेश के बरेली में यूपी सरकार के नए नए कानून के तहत पहली एफआईआर दर्ज की गई है जिसमें एक युवक पर आरोप है कि उनसे लड़की पर शादी के लिए जबरन धर्म परिवर्तन करने का दबाव बनाया।

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तस्वीर साभार:&nbspBCCL
बरेली: युवती से जबरन धर्म परिवर्तन कराने की कोशिश, FIR दर्ज
मुख्य बातें
  • उत्तर प्रदेश के बरेली में युवती से जबरन धर्म परिवर्तन कराने की कोशिश
  • यूपी सरकार के नए कानून के तहत राज्य में पहली एफआईआर दर्ज
  • आरोपी के खिलाफ विभिन्न धाराओं मे केस, फरार हुआ आरोपी

बरेली: योगी सरकार द्वारा लाए गए विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम-2020 को राज्यपाल से मंजूरी मिलने के बाद यूपी के बरेली में इस कानून के तहत पहली एफआईआर दर्ज की गई है। बरेली के देवरनिया इलाके में रहने वाले टीकाराम ने पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कर आरोप लगाया है कि गांव का ही रहने वाला ओवैस अहमद उनकी बेटी पर जबरनर धर्म परिवर्तन का दबाव बना रहा है। लड़की के पिता टीकाराम ने आरोप लगाया कि परिवार की मर्जी के खिलाफ इस्लाम अपनाने के लिए ओवैस ने उसकी बेटी को फंसाया और उस पर दबाव बनाया।

दर्ज हुई एफआईआर

टीकाराम ने आरोप लगाया कि विरोध जताने पर ओवैस के परिवार द्वारा उन्हें धमकी भी दी जा रही है। पुलिस अधिकारी ने बताया, 'जो मुकदमा दर्ज हुआ है। उसमें एक लड़का एक लड़की को पहले भगा ले गया था, यानि अपहरण कर लिया था। उस लड़की पर आरोपी धर्म परिवर्तन करने और शादी करने का दबाव बना रहा था। उसी को लेकर लड़की के पिताजी ने मुकदमा दर्ज कराया है। आरोपी पर उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म परिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम 3/5 की धारा में मुकदमा दर्ज कर लिया है इसके अलावा आईपीसी की भी धाराएं लगाई गई हैं। लड़का फरार है और उसकी गिरफ्तारी के प्रय़ास तेज किए जा रहे हैं।'

धमकी दे रहा था आरोपी
आरोप के मुताबिक ओवैस ने पढ़ाई के दौरान लड़की से दोस्ती कर ली थी और बाद में बहला-फुसलाकर धर्म परिवर्तन करने के लिए दबाव बना रहा था। पीड़िता द्वारा मना किए जाने के बावजूद भी ओवैस लगातार दबाव बना रहा था और धमकी दे रहा था। परिवार द्वारा इसे लेकर जब मना किया गया तो ओवैस धमकी देने पर उतर आया।

आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में योगी सरकार द्वारा प्रस्तावित धर्मांतरण संबंधी बिल को शनिवार को राज्यपाल ने मंजूरी दे दी है। राज्यपाल से मंजूरी मिलते ही यह अध्यादेश के रूप में यूपी में लागू हो गया है और अब ऐसा अपराध गैर जमानती माना जाएगा। अध्यादेश के अनुसार, किसी एक धर्म से अन्य धर्म में लड़की का धर्म परिवर्तन सिर्फ एकमात्र प्रयोजन शादी के लिए किया जाता है तो ऐसा विवाह शून्य (अमान्य) की श्रेणी में लाया जा सकेगा।

कड़ी सजा का है प्रावधान

राज्यपाल की मंजूरी मिलने के बाद अब इस अध्यादेश को छह माह के भीतर विधानमंडल के दोनों सदनों में पास कराना होगा। इसके साथ ही धर्म परिवर्तन कराने वालों को 10 वर्ष तक जेल भी भुगतनी पड़ सकती है। गैर जमानती अपराध के मामले में प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट के न्यायालय में मुकदमा चलेगा। दोष सिद्ध हुआ तो दोषी को कम से कम एक वर्ष और अधिकतम पांच वर्ष की सजा भुगतनी होगी।

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