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क्या है स्वामित्व योजना, जिस पर मोदी सरकार लगा रही है दांव, चुनाव में करेगी कमाल !

Updated Oct 06, 2021 | 18:14 IST

Swamitva scheme: शुरुआती चरणों में प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना को मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तराखंड, हरियाणा, पंजाब, कर्नाटक और राजस्थान के कुछ गांवों में लागू किया गया था।

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तस्वीर साभार:&nbspANI
स्वामित्व योजना के जरिए गांव में लोगों को प्रॉपर्टी के पेपर मिलेंगे
मुख्य बातें
  • लखनऊ में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने पीएम आवास योजना के बहाने विपक्ष पर निशाना साधा
  • प्रधान मंत्री ने दावा किया कि उनके छोटे से कार्यकाल में 3 करोड़ गरीब परिवार लखपति बन गए
  • उत्तर प्रदेश में अगले साल विधान सभा चुनाव और मध्य प्रदेश में 30 अक्टूबर को उप चुनाव होने वाले हैं।

नई दिल्ली:  प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को मध्य प्रदेश में स्वामित्व योजना के लाभार्थियों से बातीचत करते हुए कहा  सिर्फ कानूनी दस्तावेज देने की योजनाभर नहीं है, बल्कि ये आधुनिक टेक्नॉलॉजी से देश के गांवों में विकास और विश्वास का नया मंत्र भी है। अब उनका मंगलवार को लखनऊ में दिए गए भाषण का एक अंश पढ़िए। वहां पर उन्होंने प्रधान मंत्री शहरी योजना का जिक्र करते हुए कहा 'तीन करोड़ परिवारों को इस कार्यकाल में एक ही योजना से लखपति बनने का अवसर मिल गया है। 

प्रधान मंत्री के बयानों से साफ है उनकी सरकार इन दोनों योजाओं पर बड़ा दांव लगा रही है। संयोग की बात है कि जिन दो राज्यों में, इन योजनाओं के बारे में मोदी ने बात कही, उन दोनो जगहों पर चुनाव भी नजदीक है। उत्तर प्रदेश में जहां अगले 4-5 महीने में चुनाव होने वाले हैं, तो मध्य प्रदेश में 30 अक्टूबर को 3 विधान सभा सीटों और एक लोक सभा सीट पर चुनाव होने वाले हैं। जाहिर है कि सरकार इन योजनाओं के जरिए मतदाताओं पर बड़ा असर डालना चाहती है।

क्या है स्वामित्व योजना

स्वामित्व योजना का उद्देश्य,  गांवों में लोगों को उनकी आवासीय जमीन का मालिकाना हक देना है। केंद्र सरकार का दावा है कि यह योजना ग्रामीणों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में बेहद मदद करेगी। योजना, केंद्रीय पंचायती राज मंत्रालय की ओर से चलाई जा रही है। सरकार के अनुसार शुरुआती चरणों में प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना को मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तराखंड, हरियाणा, पंजाब, कर्नाटक और राजस्थान के कुछ गांवों में लागू किया गया था। इन राज्यों में गांव में रहने वाले करीब 22 लाख परिवारों के लिए प्रॉपर्टी कार्ड तैयार हो चुका है। डिजिटल लॉकर के माध्यम से, अपने मोबाइल पर अपना प्रॉपर्टी कार्ड डाउनलोड भी कर सकते हैं। और अब देश के अन्य राज्यों में भी इसका विस्तार किया जा रहा है। 

घरों की मैपिंग के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है। अभी तक देश के करीब 60 जिलों में ड्रोन ने ये काम पूरा कर लिया है। इससे सटीक लैंड रिकॉर्ड्स और GIS मैप की वजह से ग्राम पंचायतों को विकास योजनाएं बनाना आसान हो सकेगा। सरकार का दावा है कि ग्रामीण इलाकों में मालिकाना हक मिलने से ग्रामीण लोग सूदखोरों के चंगुल से निकल सकेंगे। क्योंकि  मालिकाना हक मिलने के बाद उनके लिए होम लोन, ट्रैक्टर लोन और दूसरी जरुरतों के लिए लोन मिलना आसान हो जाएगा।


पीएम आवास योजना से राजनीतिक संदेश

इसी तरह लखनऊ में जब प्रधान मंत्री पीएम आवास शहरी योजना का जिक्र कर रहे थे, तो उन्होंने उसमें एक राजनीतिक संदेश भी दिया। उन्होंने  कहा विपक्षी पूछते हैं मोदी ने किया क्‍या है? आज पहली बार मैं ऐसी बात बताना चाहता हूं जिसके बाद बड़े-बड़े विरोधी, जो दिन रात हमारा विरोध करने में ही अपनी ऊर्जा खपाते हैं, वो मेरा ये भाषण सुनने के बाद टूट पड़ने वाले हैं, मुझे पता है। फिर भी मुझे लगता है मुझे बताना चाहिए। 

ऐसे तीन करोड़ परिवारों को इस कार्यकाल में एक ही योजना से लखपति बनने का अवसर मिल गया है। इस देश में मोटा-मोटा अंदाज करें तो 25-30 करोड़ परिवार, उसमें से इतने छोटे से कार्यकाल में 3 करोड़ गरीब परिवार लखपति बनना, ये अपने-आप में बहुत बड़ी बात है। अब आप कहेंगे मोदी इतना बड़ा क्‍लेम कैसे कर रहे हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत देश में जो करीब-करीब 3 करोड़ घर बने हैं, आप उनकी कीमत का अंदाजा लगा लीजिए। ये लोग अब लखपति हैं। 3 करोड़ पक्के घर बनाकर हमने गरीब परिवारों का सबसे बड़ा सपना पूरा किया है।

यूपी का खास जिक्र करते हुए उन्हें, पूर्ववर्ती अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि पहले जो यहां सरकार में थे उनसे मिन्नतें करनी पड़ती थीं। 2017 से पहले पीएम आवास योजना के तहत यूपी के लिए 18 हजार घरों की स्वीकृति दी गई थी। लेकिन जो सरकार यहां थी, उसने गरीबों को पीएम आवास योजना के तहत 18 घर भी बनाकर नहीं दिए। योगी जी की सरकार आने के बाद यूपी में शहरी गरीबों को 9 लाख घर बनाकर दिए गए हैं। शहर में रहने वाले हमारे गरीब भाई-बहनों के लिए अब यूपी में 14 लाख घर निर्माण के अलग-अलग चरणों में हैं। 

उन्होंने यूपीए सरकार पर भी निशाना साधते हुए कहा "2014 से पहले जो सरकार थी, उसने देश में शहरी आवास योजनाओं के तहत सिर्फ 13 लाख मकान ही मंजूर किए गए थे। आंकड़ा याद रहेगा? पुरानी सरकार ने 13 लाख आवास, इसमें भी सिर्फ 8 लाख मकान ही बनाए गए थे। 2014 के बाद से हमारी सरकार ने पीएम आवास योजना के तहत शहरों में 1 करोड़ 13 लाख से ज्यादा घरों के निर्माण की मंजूरी दी है। कहां 13 लाख और कहां 1 करोड़ 13 लाख? इसमें से 50 लाख से ज्यादा घर बनाकर, उन्हें गरीबों को सौंपा भी जा चुका है।" जाहिर है प्रधान मंत्री इन दो योजनाओं के जरिए विपक्ष को निशाने पर ले रहे हैं। 

क्या मिलेगा राजनीतिक फायदा

इस मसले पर सीएसडीएस के प्रोफेसर संजय कुमार कहते हैं "देखिए कोई सरकार किसी एक स्कीम के जरिए चुनाव नहीं जीत सकती है। कई ऐसे फैक्टर होते हैं, जो चुनाव में काम करते हैं। लेकिन यह जरूर है कि योजनाओं से सरकार को माइलेज मिलता है। अगर कोई योजना अच्छा काम करती है, तो उसका श्रेय तो सरकार ही लेगी।" 

एक बात तो साफ है कि स्वामित्व योजना का दायरा इतना बड़ा है, कि अगर यह सरकार की प्लानिंग के अनुसार काम कर गई तो देश के कोने-कोने तक पहुंच जाएगी। और  उसका राजनीतिक माइलेज लेने से भाजपा नहीं चूकेगी। अभी तक (6 अक्टूबर 2021) 63779 गांवों में ड्रोन सर्वे किया जा चुका है। 7565 गांवों में स्वामित्व कार्ड  वितरित किए जा चुके हैं।

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