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अधीर रंजन से बंगाल के राज्यपाल धनखड़ की मुलाकात, क्या हैं सियासी मायने?

Updated Jun 18, 2021 | 15:18 IST

पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने गुरुवार को दिल्ली में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी से मुलाकात की। सियासी गलियारे में इस बात की चर्चा जोरों पर है। धनखड़ ने राष्ट्रपति और गृह मंत्री से भी मिले।

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दिल्ली में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी से मिले राज्यपाल जगदीप धनखड़।
मुख्य बातें
  • दिल्ली के अपने दो दिन के दौरे पर आए हैं राज्यपाल धनखड़
  • गुरुवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और गृह मंत्री शाह से मिले
  • लोकसभा में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी से भी मिले

नई दिल्ली : दिल्ली के दौरे पर आए पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने गुरुवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। राज्यपाल की ये मुलाकातें तो सामान्य थीं लेकिन लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी से उनकी मुलाकात की खबर ने सभी को चौंका दिया। अधीर रंजन से राज्यपाल धनखड़ की मुलाकात राजनीतिक गलियारे में चर्चा का विषय बनी हुई है। दिल्ली में राज्यपाल धनखड़ का दौरा ऐसे समय हुआ है जब पश्चिम बंगाल में भाजपा खेमे से विधायकों के टूटकर तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) में शामिल होने की अटकलों ने जोर पकड़ा है। 

टीएमसी में मुकुल रॉय की हुई है वापसी
मुकुल रॉय की टीएमसी में वापसी के बाद इस बात की चर्चा ज्यादा है कि रॉय के करीबी नेता या उनके साथ जो नेता भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हुए थे वे देर-सबेर टीएमसी में वापसी कर सकते हैं। अभी भाजपा की बंगाल में सबसे बड़ी चुनौती अपने विधायकों को एकजुट कर रखने की है। रिपोर्टों में इस तरह के दावे किए जा रहे हैं कि भाजपा के 25 से 30 विधायक टीएमसी में शामिल हो सकते हैं। जाहिर है कि टीएमसी के अगले दांव पर भाजपा आला कमान की नजर होगी। टीएमसी को राजनीतिक रूप से कैसे मात दी जाए इसकी रणनीति भी तैयार हो रही होगी। 

अधीर से कॉफी पर हुई राज्यपाल की चर्चा
बहरहाल, अधीर रंजन चौधरी की राज्यपाल धनखड़ के साथ मुलाकात मात्र 'शिष्टाचार भेंट' है या इसके सियासी मयाने हैं, अभी यह स्पष्ट नहीं हो सका है। राज्यपाल ने अपनी इस मुलाकात को एक शिष्टाचार भेंट बताया है। उन्होंने अपने एक ट्वीट में कहा, 'दिल्ली में आज 17वीं लोकसभा में कांग्रेस के नेता एवं बरहामपुर से सांसद अधीर रंजन चौधरी से बातचीत हुई। यह कॉपी पर सामान्य रूप से जितनी बातचीत होती है उससे थोड़ी ज्यादा थी।' राजनीति में दिखने-दिखाने और टाइमिंग का बहुत महत्व होता है। अधीर से राज्यपाल की क्या बातचीत हुई, इस पर उन्होंने संस्पेंस बनाकर रखा। 

बंगाल चुनाव में एक भी सीट नहीं जीत पाई है कांग्रेस
गत दो मई को आए बंगाल चुनाव नतीजों में कांग्रेस को बड़ा झटका लगा। बंगाल के राजनीतिक इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब कांग्रेस को एक भी सीट नहीं मिली है। राज्य में कांग्रेस की राजनीतिक ताकत कमजोर भले हुई हो लेकिन प्रदेश की राजनीति में उसकी अभी भी पकड़ है और अधीर बंगाल कांग्रेस के बड़े नेता हैं। राज्य में राजनीतिक हिंसा और कानून-व्यवस्था को लेकर धनखड़ और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी आमने-सामने हैं। राज्य की वर्तमान स्थिति से राज्यपाल ने राष्ट्रपति और गृह मंत्री से अवगत कराया होगा।     

राज्यपाल ने बंगाल में हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा किया
विधानसभा चुनावों में टीएमसी की प्रचंड जीत के बाद धनखड़ और गृह मंत्री के बीच पहली मुलाकात हुई है। बता दें कि धनखड़ ने 2 मई को चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद हिंसा प्रभावित राज्य के कई हिस्सों का दौरा किया था और लोगों से बात की थी। राज्यपाल के एक करीबी सूत्र ने कहा, 'हिंसा प्रभावित राज्य में उनके अनुभव का पूरा ब्योरा एक रिपोर्ट में दिया गया है।' उन्होंने कहा कि धनखड़ के दिल्ली में रिपोर्ट सौंपने की संभावना है।

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