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Bihar Chunav: आखिर क्या रही नीतीश की ऐसी मजबूरी, युवक को गोली से उड़ाने वाले रॉकी की मां को दिया टिकट

Updated Oct 13, 2020 | 16:53 IST

Bihar Chunav 2020: बिहार चुनाव प्रचार का अभियान जोरों पर है और जेडीयू ने अतरी से मनोरमा देवी को उम्मीदवार बनाया है। मनोरमा देवी गया रोड रेज के दोषी रॉकी यादव की मां है।

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_युवक को गोली से उड़ाने वाले रॉकी की मां को दिया टिकट
मुख्य बातें
  • बिहार विधानसभा के लिए तीन चरणों में होना है मतदान
  • नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू ने मनोरमा देवी को दिया अतरी सीट से टिकट
  • मनोरमा देवी के बेटे रॉकी यादव ने 2016 में एक शख्स को गोली से उड़ा दिया था

पटना: आपको शायद याद होगा 2016 में मई का वह महीना जब बिहार के एक गोलीकांड की गूंज पूरे देश में गूंजी थी। तब बिहार में आरजेडी-कांग्रेस और जेडीयू के गठबंधन वाली सरकार थी और इसका नेतृत्व नीतीश कुमार कर रहे थे और उसे एक साल भी पूरा नहीं हुआ था। इस गोलीकांड की वजह से नीतीश कुमार सरकार की काफी किरकिरी हुई थी और बिहार की राजनीति में एक तूफान ला दिया था। लेकिन एक बार फिर बिहार की सियासत में चुनाव के दौरान इस कांड की गूंज सुनाई दे रही है लेकिन वजह थोड़ी अलग है।

गया रोडरेज केस

 7 मई, 2016 को आदित्य नाम का युवक अपने दोस्तों के साथ बोधगया से लौट रहा था और इसी दौरान रास्ते में बिहार की विधान पार्षद मनोरमा देवी के बेटे रॉकी यादव से साइड देने को लेकर उसका झगड़ा हो गया। मामला ज्यादा बड़ा भी नहीं था कि रॉकी ने पिस्टल निकालकर आदित्य को गोली मार दी। तुरंत ही आदित्य को अस्पताल मे ले जाया गया जहां उसकी मौत हो गई। इस कांड के बाद जेडीयू की तत्कालीन सहयोगी आरजेडी ने भी नीतीश कुमार को खूब घेरा था।

अतरी सीट से रॉकी की मां को टिकट

बाद में रॉकी फरार हो गया था जिस वजह से बिहार पुलिस की काफी फजीहत हुई थी। फिर रॉकी ने 29 अक्टूबर 2016 को कोर्ट में सरेंडर कर दिया था जिसके बाद उसे जेल भेज दिया गया था और नीतीश कुमार ने आनन फानन में रॉकी की मां मनोरमा देवी को पार्टी से निलंबित कर दिया था। रॉकी के खिलाफ कोर्ट में मामला चला था और उसे अदालत ने उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई। इस मामले में नोरमा देवी के बॉडीगार्ड राजेश को भी आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। रॉकी के पिता और बाहुबली नेता बिंदी यादव का कुछ समय पहले कोरोना की वजह से निधन हो गया था और अब जेडीयू ने उसी रॉकी की मां मनोरमा देवी को अतरी सीट से टिकट दे दिया है।

ये रही टिकट देने की वजह

ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर नीतीश की ऐसी क्या मजबूरी रही कि 6 साल पहले पार्टी से निलंबित करने वाली मनोरमा देवी को फिर से टिकट दे दिया? जबकि नीतीश ने उस समय पीड़ित परिवार के घर जाकर माता-पिता से मुलाकात की थी और न्याय का भरोसा दिया था। लेकिन फिर से मनोरमा देवी को टिकट देकर नीतीश ने साबित किया है कि चुनाव में जातीय समीकरणों के आगे सारे मुद्दे गौण हो जाते हैं क्योंकि अतरी इलाके में बिंदी यादव का खासा वर्चस्व है और मनोरमा देवी पति के नाम पर लोगों सहानुभूति जुटाकर लोगों से वोट मांग रही हैं। 

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