- इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव में सुशांत की मौत मुद्दा बन सकती है
- बीजेपी ने सुशांत के नाम पर स्टीकर छपवाए हैं
- विपक्ष ने इसे लेकर बीजेपी पर सवाल उठाए हैं
नई दिल्ली: इस साल के अंत में बिहार में विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में एक सवाल बार-बार उठ रहा है कि क्या इन चुनावों में सुशांत सिंह राजपूत की मौत मुद्दा होगी। लेकिन ऐसा लग रहा है कि बीजेपी ने चुनाव में सुशांत की मौत को मुद्दा बनाने का मन बना लिया है। दरअसल, पार्टी की कला और संस्कृति प्रकोष्ठ द्वारा लगभग 30,000 पोस्टर और पर्चे छपवाए गए हैं। जिस पर #JusticeForSushant लिखा है। साथ ही अभिनेता की तस्वीर है और लिखा है- ना भूले है! ना भूलने देंगे!!
हालांकि भाजपा प्रवक्ता निखिल आनंद ने कहा कि इसमे कुछ भी राजनीतिक नहीं था। यह सिर्फ दिवंगत अभिनेता के परिवार के साथ एकजुटता दिखाने के लिए है।
वहीं आरजेडी के मृत्युंजय तिवारी ने दावा किया कि तेजस्वी यादव सुशांत की मौत की सीबीआई जांच की मांग करने वाले पहले व्यक्ति थे, लेकिन इसका राजनीतिक इस्तेमाल करने के खिलाफ थे। उन्होंने कहा कि किसी की लाश पर राजनीति नहीं होनी चाहिए।
भाजपा के कला और सांस्कृतिक प्रकोष्ठ के राज्य संयोजक वरुण सिंह ने टाइम्स ऑफ इंडिया से कहा कि पोस्टर सुशांत के परिवार के लिए न्याय के लिए उनके अभियान का हिस्सा थे। एक कलाकार होने के नाते, सुशांत के साथ एक भावनात्मक लगाव था, जो हमारे राज्य के थे। यह कला और संस्कृति प्रकोष्ठ था, जिसने पहली बार सुशांत की मौत की सीबीआई जांच की मांग उठाई थी।
इसके लिए लोग बीजेपी को घेर भी रहे हैं। उनका आरोप है कि बीजेपी चुनाव में लाभ के लिए सुशांत की मौत को मुद्दा बना रही है। बीजेपी ने सुशांत की तस्वीरों के साथ बिहार में चुनाव अभियान शुरू किया है। वे सुशांत के लिए न्याय नहीं चाहते हैं, वे उसकी मौत का इस्तेमाल अपने राजनीतिक फायदे के लिए करना चाहते हैं।