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CAA पर बीजेपी का मेगा अभियान, कानून के प्रति लोगों को जागरुक करने और अफवाहों से बचने के लिए कमेटी गठित

Updated Dec 27, 2019 | 00:05 IST | टाइम्स नाउ डिजिटल

नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) पर लोगों के बीच जन जागरुकता अभियान चलाने के लिए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने एक कमेटी का गठन किया है।

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तस्वीर साभार:&nbspPTI
सीएए प्रोटेस्ट

नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन कानून को लेकर लोगों के बीच फैल रही अफवाहों पर विराम लगाने के लिए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने एक कमेटी गठित की है जो लोगों को इस कानून के बारे में जानकारी देगी और उन्हें जागरुक करेगी। बता दें कि जब से ये कानून संसद में पारित हुआ है तब से ही इस पर देश भर में विरोध प्रदर्शन किए जा रहे हैं और इस कानून को वापस लेने की मांग कर रहे हैं।

इस एक्ट के प्रति लोगों की समझ को स्पष्ट करने के लिए बीजेपी ने एक कमेटी का गठन किया है जिसका नेतृत्व केंद्रीय अलपसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी होंगे। उनके निर्देशन में कमेटी नए नागरिकता कानून पर लोगों को जागरुक करेगी और उनके सारे संदेह को दूर करने का प्रयास करेगी।

सरकार इसके अलावा विशेष जांच टीम गठित करने की भी योजना बना रही है जो उत्तर प्रदेश में प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़काने के लिए पुलिस रिकॉर्ड में दर्ज लोगों की जांच करेगी। सरकार उनमें से कई सारे मामलों को रद्द भी कर सकती है अगर वे उसमें निर्दोष पाए गए। 

उत्तर प्रदेश में कुल 1,113 लोगों को सीएए के खिलाफ प्रदर्शन करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है जबकि 327 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया गया है। इसके अलावा 5,558 लोगों के खिलाफ कार्रवाई की गई है।

पिछले हफ्ते, भाजपा महासचिव भूपेन्द्र यादव ने कहा था कि पार्टी के अधिकारी अगले 10 दिनों में तीन करोड़ परिवारों से संपर्क करेंगे ताकि संशोधित अधिनियम के प्रति फैल रही अफवाह को दूर की जा सके। पार्टी ने विभिन्न जिलों में रैलियों का आयोजन करने का फैसला किया है ताकि देश भर में व्यापक रूप से आक्रोश पैदा करने वाले मुद्दे पर जनता तक पहुंच सके।

यादव ने कहा कि भाजपा तीन करोड़ से अधिक परिवारों तक पहुंचेगी। हम अगले 10 दिनों में 250 से अधिक स्थानों पर प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित करेंगे। इसके अलावा, नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (सीएए) पर हवा को खाली करने और विपक्ष द्वारा बनाए गए मिथक का भंडाफोड़ करने के लिए 1,000 से अधिक रैलियों का आयोजन किया जाएगा। 

नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2019 को लेकर उत्तर प्रदेश सहित देश के कई हिस्सों में पिछले सप्ताह विरोध प्रदर्शन हुए, जिसमें हिंदुओं, सिखों, जैनियों, पारसियों, बौद्धों और ईसाइयों को नागरिकता दी गई, जो पाकिस्तान, अफगानिस्तान और धार्मिक उत्पीड़न से भाग रहे थे। 

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