- 40 हजार करोड़ की राशि केंद्र को लौटाने के लिए देवेंद्र फडणवीस बने थे सीएम
- बीजेपी सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार हेगड़े का खुलासा
- 'महाराष्ट्र में बीजेपी के पास नहीं थी संख्या फिर भी बनाई गई सरकार'
नई दिल्ली। 23 नवंबर को जब देवेंद्र फडणवीस ने दोबारा सीएम पद की शपथ ली तो हर कोई हैरान था। हैरानी के पीछे की वजह ये थी कि एनसीपी नेता अजित पवार ने डिप्टी सीएम की शपथ ली थी जबकि एनसीपी और कांग्रेस की बात शिवसेना के साथ चल रही थी। अब फडणवीस सरकार के बारे में बीजेपी सांसद अनंत कुमार हेगड़े ने सनसनीखेज खुलासा किया है। उनका कहना है कि बीजेपी के राज्य नेतृत्व समेत केंद्रीय नेतृत्व को जानकारी थी कि हमारे पास संख्या बल की कमी है और सरकार विधानसभा में बहुमत हासिल नहीं कर पाएगी लेकिन सरकार बनाने की प्रक्रिया में आगे बढ़े।
अनंत हेगड़े का कहना है कि दरअसल राज्य के खजाने में 40 हजार करोड़ रुपए थे और वो केंद्र का पैसा था। केंद्र सरकार को शक था कि अगर शिवसेना- कांग्रेस और एनसीपी की सरकार सत्ता में आती है तो उस पैसे का दुरुपयोग किया जा सकता है, लिहाजा ये फैसला किया गया कि कुछ समय के लिए सरकार बनाकर उन पैसों को केंद्र के हवाले कर दिया जाय। देवेंद्र फडणवीस सरकार में आए तो 15 घंटे के भीतर ही फंड को ट्रांसफर करा दिया।
अनंत हेगड़े के इस बयान के बाद सियासी खलबली का मचना तय है। पदभार संभालने के बाद महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे ने कहा था कि विरासत में उन्हें खाली खजाना मिला है। उन्होंने ये भी कहा है कि महाविकास अघाड़ी की सरकार राज्य के वित्तीय हालात पर श्वेत पत्र लाए जाने का विचार कर रही है ताकि जनता को ये पता चल सके कि आखिर राज्य की आर्थिक सेहत कैसी है।