- हिंदुत्व के मुद्दे पर बीजेपी, एमएनएस और शिवसेना आमने सामने
- एमएनएस का कहना है कि हिंदुत्व के रास्ते से शिवसेना पूरी तरह हटी
- बाला साहेब ठाकरे के आदर्शों से शिवसेना ने समझौता किया
लाउड स्पीकर बनाम हनुमान चालीसा के विवाद के बीच महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना ने रायगढ़ जिले के खेड़ तालूका में शाम सात बजे महाआरती का फैसला किया है। इन सबके बीच बीजेपी ने उद्धव ठाकरे ने निशाना साधा है। बीजेपी के कद्दावर नेता राम कदम का कहना है कि महज सत्ता हासिल और सत्ता को बचाए रखने के लिए उद्धव ठाकरे ने बाला साहेब ठाकरे के सिद्धांतों से समझौता कर लिया है। इसके साथ ही बीजेपी ने और कई तरह के आरोप लगाए। बता दें कि एमएनएस चीफ राज ठाकरे ने बाला साहेब ठाकरे के एक पुराने वीडियो को साझा किया है जिसमें वो कह रहे हैं कि जब सरकार बनेगी तो मस्जिदों से लाउडस्पीकर उतरवा दिया जाएगा।
बाला साहेब ठाकरे ने क्या कहा था
जिस दिन हमारी सरकार आएगी उस दिन सड़क पर होने वाली नमाज बंद किए बिना चुप नहीं बैठेंगे।
धर्म ऐसा हो जो विकास में बाधक ना हो।
अगर हिंदू धर्म में किसी को तकलीफ हो रही हो तो हमें आकर बताएं उनकी तकलीफ दूर करुंगा
मस्जिदों से लाउडस्पीकर जरूर नीचे आएंगे।
राज ठाकरे ने वीडियो साझा क्यों किया
अब सवाल यह है कि राज ठाकरे ऐसा क्यों कर रहे हैं। जानकार कहते हैं कि अगर आप एमएनएस की कामयाबी को देखें तो पार्टी के गठन के साथ ही उसे कुछ खास फायदा नहीं मिला। बीएमसी के नतीजों में अच्छे प्रदर्शन से दूर रहे। महाराष्ट्र में जब मबाविकास अघाड़ी की सरकार बनी और उसके मुखिया राज ठाकरे के भाई उद्धव बने तो एमएनएस को उम्मीद जगी। इसके साथ ही बीजेपी को लगा कि उद्धव ठाकरे पर दो तरफ हमला किया जा सकता है जिसमें राज ठाकरे सहायक सिद्ध हो सकते हैं। जब लाउड स्पीकर का मुद्दा सामने आया और उसके बाद सरकारी प्रतिक्रिया आई तो एमएनएस को लगा कि शायद यह सही समय होगा जब बाला साहेब ठाकरे के भाषणों को सामने रखकर उद्धव ठाकरे को याद दिलाया जाये कि वो क्या कर रहे हैं। इसके साथ ही जनता को संदेश देने की कोशिश की जाए कि बाला साहेब ठाकरे के आदर्शों को अगर कोई जमीन पर उतारने की कोशिश कर रहा है तो वो महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना है।