- भारत और चीन के बीच पर कुछ महीनों से तनाव और बढ़ गया है
- एलएसी पर 45 साल बाद दोनों देशों के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई
- पांच हफ्तों से गलवान घाटी में भारी संख्या में भारतीय और चीनी सैनिक आमने-सामने खड़े थे
नई दिल्ली : भारत और चीन के बीच एक बार फिर खूनी संधर्ष हुआ। लाईन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर लद्दाख की गलवान घाटी में सोमवार की रात चीनी आर्मी के साथ भारतीय सेना का हिंसक टकराव हुआ। इस संघर्ष में भारतीय सेना के एक अधिकारी और दो जवान शहीद हो गए। ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्टर के मु्ताबिक एलएसी पर हुए इस झड़प चीन के 5 सैनिकों की मौत हो गई जबकि 11 घायल हो गए। हालांकि चीन ने इसकी पुष्टि नहीं की है। इस तरह भारत और चीन सीमा पर 45 साल बाद खून बहा है। गौर है कि बीते 5 हफ्तों से गलवान घाटी में बड़ी संख्या में भारतीय और चीनी सैनिक आमने-सामने खड़े थे।
इससे पहले 70 के दशक में फायरिंग में 4 जवान हुए थे शहीद
भारत और चीन के बीच कभी-कभी तनाव देखने मिलता रहा है लेकिन हाथापाई तक सीमित रहा है। दोनों देशों के सैनिक आपस में भिड़ते थे लेकिन सिर्फ हाथापाई होती थी। 45 वर्षों से दोनों देशों के बीच करीब-करीब शांति बनी हुई थी। इससे पहले 70 के दशक में 1975 में अरुणाचल प्रदेश में तुलुंग ला में गोलीबारी हुई थी जिसमें चार भारतीय जवान शहीद हो गए थे। उसके बाद फिर कभी हिंसक झड़प नहीं हुई। इससे पहले 1962 में भारत और चीन का युद्ध हुआ था।
चीन को भी हुआ है नुकसान, लेकिन अभी स्पष्ट नहीं
सेना ने कहा कि चीन को भी नुकसान हुआ है। हालांकि कितना नुकसान हुआ है यह अभी स्पष्ट नहीं है। आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि दोनों ओर से कोई गोलीबारी नहीं हुई। सेना ने एक बयान में कहा कि गलवान घाटी में तनाव कम करने की प्रक्रिया के दौरान सोमवार रात हिंसक टकराव हो गया। इस दौरान भारतीय सेना का एक अधिकारी और दो जवान शहीद हो गए।
सेना प्रमुख नरवणे के बयान के कुछ दिन बाद हुई यह घटना
यह घटना भारतीय सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे के उस बयान के कुछ दिन बाद हुई है, जिसमें उन्होंने कहा था कि दोनों देशों के सैनिक गलवान घाटी से पीछे हट रहे हैं। भारतीय और चीनी सेना के बीच पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग झील, गलवान घाटी, डेमचोक और दौलतबेग ओल्डी में तनाव चल रहा है।
भारतीय क्षेत्रों में आ गए थे चीनी सैनिक
बड़ी संख्या में चीनी सैनिक एलएसी पर पैंगोंग झील समेत कई भारतीय क्षेत्रों में आ गए थे। भारत ने इसका कड़ा विरोध करते हुए चीनी सैनिकों को इलाके में शांति बहाल करने के लिए तुरंत पीछे हटने के लिए कहा। दोनों देशों के बीच इस विवाद को सुलझाने के लिए बीते कुछ दिनों में कई बार बातचीत हो चुकी है।