नई दिल्ली : तमिलनाडु के कुन्नूर में 8 दिसंबर को हुए हेलीकॉप्टर हादसे में जान गंवाने वालों में ब्रिगेडियर LS लिद्दर भी शामिल रहे, जिनका अंतिम संस्कार शुक्रवार को पूरे सैन्य सम्मान के साथ बरार स्क्वायर श्मशान घाट पर किया गया। ब्रिगेडियर लिद्दर को श्रद्धांजलि देते वक्त उनकी पत्नी फफककर रो पड़ीं तो बेटी ने खुद को बड़ी मुश्किल से संभाला और पिता के अंतिम संस्कार से जुड़ी प्रक्रियाओं को संपन्न किया।
ब्रिगेडियर LS लिद्दर को श्रद्धांजलि देने पहुंचे हर शख्स की आंखों में आंसू थे। ऐसे में उनकी पत्नी और बेटी की हालत कैसी हो सकती है, इसका सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है। उन्हें देखकर लोगों का दिल पसीज रहा था। इस मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी मौजूद थे, जिन्होंने ब्रिगेडियर लिद्दर के परिजनों को ढाढस बंधाने की कोशिश की। वहीं, ब्रिगेडियर लिद्दर का अंतिम संस्कार संपन्न होने के बाद उनकी पत्नी और बेटी ने अपने दुख को जज्ब कर जो कुछ भी कहा, वह मिसाल पेश करने वाला है।
क्या बोलीं ब्रिगेडियर LS लिद्दर की पत्नी और बेटी?
ब्रिगेडियर LS लिद्दर की पत्नी गितिका लिद्दर ने अपने पति को अंतिम विदाई देते हुए कहा, 'मैं एक सैनिक की पत्नी हूं। यह बहुत बड़ी क्षति है। लेकिन हमें उन्हें हंसते हुए, अच्छे से अंतिम विदाई देनी चाहिए।'
वहीं, ब्रिगेडियर LS लिद्दर की बेटी आशना लिद्दर, जो महज 16 साल की हैं, ने अपने पिता को अपने हीरो को तौर पर याद किया और कहा कि आगे का जीवन वे उनकी अच्छी यादों के साथ बिताएंगी। उन्होंने कहा, 'मैं 17 साल की होने जा रही हूं। इसका मतलब ये है कि मेरे पिता हमारे साथ लगभग 17 वर्षों तक रहे। हम अच्छी यादों के साथ आगे का जीवन जीएंगे। यह राष्ट्रीय क्षति है। मेरे पिता एक हीरो थे, मेरे सबसे अच्छे दोस्त थे। हो सकता है कि यह सब किस्मत का खेल हो और आगे अच्छी चीजें हमारे जीवन में आएं। वह मेरी सबसे बड़ी प्रेरणा थे।'
सैन्य सम्मान के साथ संपन्न हुई अंत्येष्टि
डियर लिद्दर का अंतिम संस्कार पूरे सैन्य सम्मान के साथ बरार स्क्वायर श्मशाम घाट में किया गया। CDS जनरल बिपिन रावत के रक्षा सहायक के रूप में उन्होंने त्रि-सेवा सुधारों पर बड़े पैमाने पर काम किया था। दूसरी पीढ़ी के सेना अधिकारी ब्रिगेडियर लिद्दर ने जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ अभियानों में भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था और चीन के साथ भारत की सीमाओं पर एक ब्रिगेड की कमान संभाली थी।
ब्रिगेडियर लिद्दर का जल्द ही मेजर जनरल के रूप में प्रमोशन होना था। लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था और 8 दिसंबर को तमिलनाडु के कुन्नूर में घने जंगल से गुजरते हुए वायुसेना का हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया, जिसमें देश के पहले CDS जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत और ब्रिगेडियर लिद्दर के साथ-साथ 13 सैन्य अधिकारियों की जान चली गई।