- घाटी में सीआरपीएफ जवान ने दिखाई असाधारण वीरता, लड़ते रहे लड़ाई
- चेक पोस्ट पर आतंकियों का हमला, मुठभेड़ में दो आतंकी ढेर- एक पहुंचा अस्पताल
- बिहार के बेटे को दी गई पुष्पांजलि, आरा भेजा गया पार्थिव शरीर
नई दिल्ली: भारतीय सुरक्षा बल अपनी अतुल्य वीरता और बलिदान को लेकर समय समय पर चर्चा में बनी रहती है। इसके उदाहरण भी लगातार सामने आते रहते हैं और हाल ही में इस तरह की एक और घटना सामने आई है। जहां सीआरपीएफ के एक जवान ने असाधारण वीरता का परिचय दिया। जवान के सिर में गोली लगने के बावजूद उन्होंने आतंकियों से लोहा लेते हुए दो आतंकियों के मारे जाने और एक के घायल होने के बाद ही शहादत दी। रिपोर्ट्स के अनुसार इनमें से एक आतंकी बिहार के बेटे रमेश रंजन की गोली से ढेर हुआ।
अधिकारियों की ओर से मिली जानकारी के अनुसार शहीद सीआरपीएफ जवान रमेश रंजन (30) ने जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर के पास एक चेक पोस्ट पर आतंकवादियों को मार गिराने में अहम निभाई। सीआरपीएफ की 73वीं बटालियन के जवान रंजन के सिर में आतंकवादियों से मुठभेड़ के दौरान सिर में गोली लग गई, इसके बावजूद वह बहादुरी से लड़ते रहे।
उन्होंने दम तोड़ने से पहले अपनी राइफल से गोलीबारी का मुंहतोड़ जवाब दिया। न्यूज एजेंसी के अनुसार एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'रंजन ने स्कूटर सवार आतंकवादियों को मार गिराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। आतंकी परमपोरा के शाल्टेंग में चेक पोस्ट के पास आए थे।'
उन्होंने कहा कि दोपहर के समय हुई घटना के दौरान एक सहायक उपनिरीक्षक की अगुवाई में सीआरपीएफ के 13 जवानों की एक टीम को चेक पोस्ट पर तैनात किया गया था। सीआरपीएफ के महानिदेशक (डीजी) ए पी माहेश्वरी ने कहा, 'मैं अपने बहादुर भाई को नमन करता हूं जिन्होंने राष्ट्र की सेवा में अपना जीवन अर्पण कर दिया। हमारी संवेदना उनके परिजनों के साथ हैं।'
शाम को श्रीनगर में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) शिविर में एक पुष्पांजलि समारोह आयोजित किया गया था, जिसके बाद रमेश रंजन के शरीर को एयरलिफ्ट करके बिहार में अपने घर ले जाने के लिए दिल्ली लाया गया। वह बिहार के आरा के रहने वाले हैं।एक महीन पहले उनका 31वां जन्मदिन था। ऑपरेशन के दौरान घायल हुआ तीसरा आतंकवादी श्रीनगर के एक अस्पताल में भर्ती है।