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Assam Election: असम में CAA पर खूब मचा था बवाल, क्या अब चुनाव में नहीं है असर?

CAA Protest
Updated Mar 14, 2021 | 23:51 IST

Assam: असम में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन हुआ था। हालांकि चुनाव के दौरान ये मामला उतना चर्चा में नहीं है। ऐसे में सवाल है क्या वोटिंग में इसका असर दिखेगा।

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फाइल फोटो
मुख्य बातें
  • असम में तीन चरणों में- 27 मार्च, एक अप्रैल और छह अप्रैल को चुनाव होगा
  • 2 मई को आएंगे चुनाव के नतीजे
  • ओपिनियन पोल के अनुसार, बीजेपी की सत्ता में वापसी हो सकती है

नई दिल्ली: 2019 के अंत में और पिछले साल की शुरुआत में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ देश के कई हिस्सों में जमकर बवाल हुआ था। लेकिन असम में इस कानून के खिलाफ बहुत ज्यादा विरोध प्रदर्शन हुए थे। अब असम में विधानसभा चुनाव हैं, सवाल है क्या सीएए का असर पड़ेगा। क्या सीएए के खिलाफ जो विरोध-प्रदर्शन हुए थे, वो अब वोटिंग में दिखाई देगा? इसे लेकर बीजेपी और कांग्रेस दोनों के अलग-अलग दावे हैं।

चुनाव में मुद्दा नहीं है CAA: बीजेपी

असम की भाजपा इकाई के अध्यक्ष रंजीत कुमार दास ने दावा किया कि असम विधानसभा चुनाव में विवादास्पद सीएए कोई मुद्दा नहीं है क्योंकि लोग भावनात्मक नहीं बल्कि तार्किक रूप से मतदान करेंगे। न्यूज एजेंसी PTI-भाषा से उन्होंने कहा, 'सीएए का चुनाव पर कोई प्रभाव नहीं होगा और असम के लोग पूर्व में यह दर्शा चुके हैं। जब नागरिकता का मुद्दा अपने चरम पर था, हमने पंचायत चुनाव लड़ा, लोगों से कहा कि अगर असम में कोई विदेशी घुसता है तो वे हमसे सवाल करें। उस चुनाव में हमें सबसे अधिक सीटें मिलीं। सीएए का मुद्दा 2019 के लोकसभा चुनाव में भी उठा और तब भाजपा ने सात के मुकाबले नौ सीटों पर जीत दर्ज की।'

वहीं कांग्रेस नेता तरुण गोगोई का कहना है कि नागरिकता संशोधन कानून समाज को मतों के लिए बांटने का भाजपा का एक राजनीतिक हथियार था, लेकिन हम असम में यह नहीं होने देंगे। उन्होंने कहा कि सत्ता में आने पर सुप्रीम कोर्ट में सीएए के खिलाफ चल रहे मामले में असम सरकार को एक पक्ष बनाएंगे। 

CAA को रोकने के लिए कानून लाएंगे: प्रियंका गांधी

इससे पहले कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा था कि असम में विधानसभा चुनाव से पहले विवादास्पद नागरिकता कानून के बारे में बात करने की भाजपा में हिम्मत नहीं है। प्रियंका ने कहा, 'वे पूरे देश में सीएए के बारे में बात करते हैं, लेकिन जब वे असम आते हैं, तो वे इसके बारे में बात करने का साहस नहीं करते हैं।' उन्होंने कहा है कि जब हमारी पार्टी सत्ता में आएगी तो यह सुनिश्चित करने के लिए एक कानून बनाया जाएगा कि नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को यहां लागू नहीं किया जाए।

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