- पंजाब में जहरीली शराब से मरने वालों की संख्या 100 के करीब
- दोषियों के खिलाफ कार्रवाई तेज, किसी को बख्शा नहीं जाएगा- कैप्टन अमरिंदर सिंह
- पंजाब में मौत वाली शराब पर राजनीति हुई तेज, कांग्रेस के अंदर राजनीतिक घमासान
नई दिल्ली। जहरीली शराब या अवैध शराब का मुद्दा किसी एक राज्य तक सीमित नहीं है। देश के अलग अलग राज्यों में जहरीली शराब से मौते हुई हैं। लेकिन पंजाब में हुई मौतों पर कांग्रेस पर विपक्षी दल निशाना साध रहे हैं इसके साथ ही कांग्रेस के अंदर भी राजीति जारी है। हाल ही में जब दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि इस मामले की जांच सीबीआई के हवाले कर देनी चाहिए तो कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा था कि माइंड योर ओन बिजनेस। लेकिन अब कांग्रेस के अंदर ही गुटबंदी दिखाई दे रही है।
अपनों के निशाने पर कांग्रेस सरकार
पंजाब से शराब से हुई मौतों पर सीएम अमरिंदर सिंह कहते हैं कि जो कुछ हुआ वो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और दुखद है। पुलिस और आबकारी विभाग की टीम गुनहगारों की धरपक़ड़ में जुटी हुई है। जो कोई भी इस घटना के लिए जिम्मेदार होगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। पंजाब कांग्रेस के मुखिया सुनील जाखड़ ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखी है कि अपनी सरकार को घेरने के लिए जिम्मेदार प्रताप सिंह बाजवा और शमसेर सिंह दुलो के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
सरकारी लोग शामिल इसलिए नहीं हुई कार्रवाई
अमरिंदर सिंह के बयानों से इत्तेफाक नहीं रखते हुए राज्यसभा के सदस्य शमसेर सिंह दुलो कहते हैं कि पंजाब में इससे पहले इतनी बड़ी घटना नहीं हुई। जो कुछ हुआ वो सरकार और पुलिस के जानकारी में आए बिना संभव नहीं है। यही वजह है कि कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। सबसे बड़ा सवाल यह है कि कोरोना काल में कर्फ्यू के बीच में इतनी बड़ी मात्रा में शराब बनाने के लिए कच्चा माल कहां से आया।