नई दिल्ली। बेंगलुरु में एमनेस्टी इंटरनेशनल ग्रुप के दफ्तर पर सीबीआई ने छापेमारी की। यह छापेमारी एफसीआरए के उल्लंघन के सिलिसिले में की गई है। छापेमारी के बाद एमनेस्टी इंडिया का कहना है कि पिछले एक साल से परेशान किया जा रहा है, जहां तक जांच एजेंसियों को सहयोग करने का सवाल है तो हम कभी पीछे नहीं हटे। जहां तक भारत में मानवाधिकारों के हनन का सवाल है तो इस मुद्दे को पहले की तरह उठाते रहेंगे।
एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया पर इस तरह के आरोप लगते रहे हैं कि इनके सदस्य भारत का बदनाम करने के लिए विवादित मुद्दों को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठाते रहते हैं। हाल ही में जम्मू-कश्मीर में जब अनुच्छेद 370 को हटाया गया तो इसके सदस्य एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करने वाले थे, हालांकि उन्हें इजाजत नहीं मिली थी। इसके साथ ही जेएनयू में भारत विरोधी नारे लगाने वालों के खिलाफ जब कार्रवाई की गई तो यह गैर सरकारी संस्था उनके बचाव में उतरी थी।
एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया को विशेष निदेशक को फेमा का कथित रूप से उल्लंघन करने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया है। यह नोटिस 25 जुलाई को 51.72 करोड़ रुपये के लिए उधार और उधार विनियम के तहत जारी किया गया था।