- डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी मामले में कोर्ट ने लालू यादव को पांच साल की सजा सुनाई
- कोर्ट ने लालू यादव पर 60 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है, सजा के खिलाफ अपील करेगा राजद
- बिहार के डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद ने कहा कि कानूनी प्रक्रिया के तहत लालू यादव को सजा हुई
Lalu Yadav sentence : चारा घोटाला में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को एक और सजा हुई है। केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत ने सोमवार को डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी मामले में लालू यादव को पांच साल की सजा सुनाई। कोर्ट ने उन पर 60 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है। लालू प्रसाद के वकील ने कहा है कि वह इस सजा के खिलाफ हाई कोर्ट में अपील दायर करेंगे। बिहार के डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद ने कहा कि वह कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं। कोर्ट ने अपना काम किया है। उन्हें सजा दी है। यह कानूनी प्रक्रिया है।
राजद खेमे में मायूसी
कोर्ट का फैसला आने के बाद राजद खेमे में मायूसी है। कोर्ट में लालू यादव के वकीलों की तरफ से दलील दी गई कि उनके मुवक्किल की उम्र काफी ज्यादा हो गई है और उनकी तबीयत भी खराब रहती है। ऐसे में उन्हें राहत मिलनी चाहिए। हालांकि, इन दलीलों का कोर्ट पर कोई असर नहीं हुआ है। राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव अपने घर पर मौजूद हैं। वे सुबह से ही इस केस पर नजर बनाए हुए थे। राजद के लिए आज का दिन काफी अहम है। तेजस्वी के आवास पर आज सुबह से राजद के बड़ नेताओं का पहुंचना जारी था।
15 फरवरी को दोषी करार दिए गए
चारा घोटाले में लालू यादव की यह पांचवी सजा है। सीबीआई की विशेष अदालत के न्यायाधीश एस के शशि ने 15 फरवरी को लालू यादव सहित अन्य आरोपियों को दोषी करार देते हुए सजा पर सुनवाई के लिए 21 फरवरी की तारीख तय की थी। अदालत ने गत 15 फरवरी को 41 आरोपियों को दोषी करार दिया। अदालत ने वीडियो कांफ्रेंस के जरिए सजा सुनाई है। लालू यादव स्वास्थ्य कारणों की वजह से राजेन्द्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) में भर्ती हैं।
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लालू यादव को 20 साल से अधिक की सजा हो चुकी है
20 साल से अधिक की सजा हो चुकी है और उन्होंने सात साल के करीब सजा काट ली है। अब लालू परिवार की उम्मीदें ऊपरी अदालत पर टिकी है। राजद इसे राजनीतिक रंग देने की कोशिश में है। राजद का आरोप है कि लालू यादव भाजपा के खिलाफ बोलते रहे हैं, इसी की सजा उन्हें दी जा रही है। चारा घोटाले छह मामलों में यह सबसे बड़ा मामला था। पांच मामलों में कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है। एक मामला अभी लंबित है।