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हाथरस केस: सीबीआई चार्जशीट पर पीड़िता के परिवार की प्रतिक्रिया-हमें उम्मीद नहीं थी..

Updated Dec 19, 2020 | 07:38 IST

उत्तर प्रदेश के हाथरस में दलित लड़की से कथित गैंगरेप और यातना के मामले में चारों आरोपियों पर सीबीआई ने गैंगरेप और हत्या का आरोप लगाया, इससे पीड़ित परिवार ने संतोष जताया है।

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सीबीआई ने चार आरोपियों के खिलाफ शुक्रवार को आरोपपत्र दाखिल किया

हाथरस कांड की गूंज एक बार फिर सुनाई दी है इस मामले में पीड़िता को इंसाफ मिलता दिख रहा है दरअसल इस दलित लड़की से कथित गैंगरेप और यातना के मामले में चारों आरोपियों पर सीबीआई ने गैंगरेप और हत्या का आरोप लगाया है, सीबीआई की इस कार्रवाई को लेकर कई तरह के रिएक्शन सामने आ रहे हैं वहीं अपनी बेटी को खो चुके साथ ही जमाने भर से अपनी बेटी की मौत को लेकर प्रताड़ना झेल रहे पीड़िता के परिवार ने इसपर संतोष जताते हुए कहा है कि उन्हें उम्मीद तो नहीं थी लेकिन अब लगता है कि उन्हें इंसाफ मिलेगा।

सीबीआई चार्जशीट की खबर सामने आने के बाद पीड़िता के मां-बाप की प्रतिक्रिया सामने आई है अपनी जवान बेटी की खो चुके ये लोग बेहद सदमे में हैं और इस कदम से अब उनके मन में इंसाफ की आस जगी है, पीड़िता की मां ने कहा- हमारी बेटी चली गई और हम तो अपनी बेटी का अंतिम संस्कार भी नहीं कर पाए...अब इस कदम से लग रहा है कि दोषियों पर कार्रवाई होगी और उन्हें इंसाफ मिलने की उम्मीद जागी है।

वहीं पीड़िता के पिता ने कहा, ' हमें पुलिस पर तो बिल्कुल भरोसा नहीं था, लेकिन अब लग रहा है कि इंसाफ मिलेगा, मगर ज्यादा दुख इस बात का है कि गांव वालों ने तो हम पर ही ऑनर किलिंग का आरोप लगा डाले इससे हमारा परिवार बेहद आहत है।

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के हाथरस में 19 वर्षीय एक दलित युवती से कथित सामूहिक बलात्कार एवं उसकी हत्या के मामले में सीबीआई ने चार आरोपियों के खिलाफ शुक्रवार को आरोपपत्र दाखिल किया। आरोपियों के वकील ने बताया कि केंद्रीय जांच एजेंसी ने संदीप, लवकुश, रवि और रामू के खिलाफ सामूहिक बलात्कार एवं हत्या के आरोप लगाए हैं तथा हाथरस में स्थानीय अदालत ने संज्ञान लिया है।

इलाज के दौरान 29 सितंबर को पीड़िता की मौत हो गई थी

हाथरस में इस दलित युवती से अगड़ी जाति के चार व्यक्तियों ने 14 सितंबर को कथित तौर पर बलात्कार किया था। इलाज के दौरान 29 सितंबर को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में पीड़िता की मौत हो गई थी। इसके बाद उसकी 30 सितंबर की रात उसके घर के पास रात में अंत्येष्टि कर दी गई थी। युवती के परिवार ने आरोप लगाया था कि स्थानीय पुलिस ने आनन-फानन में अंत्येष्टि करने के लिए उन पर दबाव डाला था। हालांकि, स्थानीय पुलिस अधिकारियों ने कहा, 'अंत्येष्टि परिवार की इच्छा के अनुसार की गई।'

न्‍यायिक हिरासत में हैं चारों आरोपी

जांच एजेंसी ने मामले के आरोपियों- संदीप, लवकुश, रवि और रामू- की भूमिका पर गौर किया है, जो न्यायिक हिरासत में हैं। उन्होंने बताया कि गुजरात के गांधीनगर स्थित प्रयोगशाला (लैबोरेट्री) में आरोपियों की विभिन्न फोरेंसिक जांच भी की गई है। सीबीआई के जांचकर्ता जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के चिकित्सकों से भी मिले। कथित सामूहिक बलात्कार की घटना के बाद पीड़िता को इसी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इस मामले को लेकर उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार को व्यापक स्तर पर आलोचना का सामना करना पड़ा था। बाद में, यह मामला सीबीआई को हस्तांतरित कर दिया गया। सीबीआई ने घटना की जांच के लिए एक टीम गठित की और जांच कार्य अपनी गाजियाबाद इकाई को सौंपा था। टीम, पीड़िता के परिवार के सदस्यों के बयान दर्ज कर चुकी है।

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