- सरकार ने संसद में आर्थिक अपराध और धोखाधड़ी के बारे में जानकारी दी है
- वित्त राज्यमंत्री ने लगभग 17,900 हजार करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के बारे में बताया
- उन्होंने राज्यसभा में बताया कि आर्थिक धोखाधड़ी करने वाले 51 लोग देश छोड़कर फरार हैं
नई दिल्ली : देश में आर्थिक अपराध के कारण सरकार को करोड़ों का नुकसान हुआ है। ऐसे 51 घोटालेबाज हैं, जिन्होंने कारोड़ों की धोखाधड़ी की और फिर देश छोड़कर फरार हो गए। इन घोटालेबाजों ने लगाग 17 हजार करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की है। सीबीआई ने ऐसे 66 मामलों की पहचान की है, जिनमें से 51 देश छोड़कर फरार हो चुके हैं। ऐसे आर्थिक अपराधियों में विलय माल्या और नीरव मोदी के नाम भी शामिल हैं।
सरकार ने मंगलवार को संसद में इसकी जानकारी दी और कहा कि सीबीआई आर्थिक अपराध से जुड़े ऐसे मामलों की जांच कर रही है। वित्त राज्य मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने राज्यसभा में 'भगोड़े आर्थिक अपराधियों' को लेकर किए गए एक सवाल के जवाब में यह जानकारी दी। लिखित उत्तर में उन्होंने कहा, 'सीबीआई ने बताया है कि अब तक 66 मामलों में 51 फरार और घोषित अपराधी अन्य देशों में भाग गए हैं।'
सीबीआई रिपोर्ट का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में आरोपी व्यक्तियों ने कुल लगभग 17,947.11 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की है। सरकार ऐसे लोगों के खिलाफ क्या कार्रवाई कर रही है, इसकी जानकारी देते हुए वित्त राज्य मंत्री ने कहा कि सीबीआई और प्रत्यर्पण निदेशालय ने ऐसे मामलों में अदालतों में आवेदन दिए हैं। इस दिशा में जांच व अन्य कार्रवाई भी जारी है।
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि सीबीआई घोषित अपराधियों और फरार लोगों के संबंध में 51 प्रत्यर्पण अनुरोधों पर काम कर रही है। विभिन्न मामलों में ये अनुरोध अलग-अलग चरणों में लंबित हैं। इसके अतिरिक्त केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर बोर्ड और सीमा शुल्क विभाग (सीबीआईसी) ने छह भगोड़े आर्थिक अपराधियों के बारे में रिपोर्ट की है जो अवैध रूप से देश छोड़कर चले गए हैं।