- भीम आर्मी प्रमुख चंद्र शेखर आजाद ने की अपनी राजनीतिक पार्टी की घोषणा
- काशीराम की जयंती पर बनाई आजाद समाज पार्टी, झंडे के लिए चुना नीला रंग
- UP विधानसभा चुनाव 2022 के और ज्यादा दिलचस्प होने की संभावना
नोएडा: भीम आर्मी के प्रमुख चंद्र शेखर आजाद ने बसपा संस्थापक कांशी राम की जयंती पर रविवार को अपनी राजनीतिक पार्टी, आजाद समाज पार्टी के साथ सियासी मैदान में उतर गए। उन्होंने संविधान की शपथ लेकर नोएडा के सेक्टर -70 के बसई गांव में अपनी राजनीतिक पार्टी की घोषणा की। दिलचस्प बात यह है कि उन्होंने अपनी पार्टी के झंडे के लिए नीले रंग को चुना और साथ ही बहुजन समाज पार्टी के संस्थापक स्वर्गीय कांशी राम की जयंती पर अपनी नई पार्टी की घोषणा की।
आजाद समाज पार्टी को बसपा प्रमुख मायावती के सामने सीधी चुनौती के रूप में देखा जा रहा है। मायवती की बहुजन समाज पार्टी अब तक दलित वोटों का सीधा और पूरा फायदा मिलता रहा है लेकिन अब इसके बंटने की संभावना जताई जा रही है। दिलचस्प बात यह है कि भीम आर्मी के राजनीति में आने से बहुजन समाज पार्टी का राजनीतिक आधार नष्ट होने की संभावना का मुकाबला करने के लिए मायावती ने अप्रैल के पहले सप्ताह में पार्टी नेताओं और पदाधिकारियों की बैठक बुलाई है।
नई पार्टी के उत्तर प्रदेश के 2022 के विधानसभा चुनावों को और ज्यादा दिलचस्प बना देने की संभावना है क्योंकि सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), कांग्रेस, समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अपनी सरकार बनाने के लिए पहले ही लड़ने वाले हैं अब इसमें आजाद की पार्टी भी जुड़ गई है।
चंद्रशेखर आजाद की ओर से पार्टी की घोषणा के दौरान बड़ी संख्या में भीम आर्मी समर्थक और कार्यकर्ता मौजूद रहे। सूत्रों ने यह भी बताया कि 28 पूर्व विधायक और 6 पूर्व सांसदों ने भी इस कार्यक्रम में भाग लिया और शपथ ली। हालांकि, आधिकारिक तौर पर इसकी पुष्टि नहीं की गई थी।
इससे पहले कोरोनो वायरस के प्रकोप के मद्देनजर उत्तर प्रदेश के नोएडा में जिला प्रशासन ने भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आज़ाद के रविवार को सामूहिक समारोहों की अनुमति देने से इनकार कर दिया था। प्रशासन ने चिंताओं और केंद्र सरकार की सलाह का हवाला देते हुए इजाजत देने से इनकार कर दिया है। हालांकि, बाद में कार्यक्रम आयोजित करने के लिए कार्यकर्ताओं की जिद को देखते हुए पुलिस ने कार्यक्रम के लिए अनुमति दी।