लखनऊ: अभी तक ऐसा होता था कि आम आम सर्दी,जुकाम और खांसी होने पर मेडिकल स्टोर जाकर वहां से लक्षण बताकर दवाई ले आते थे और वो आपको मिल भी जाती थी लेकिन उत्तर प्रदेश में अब ऐसा नहीं हो सकेगा, इसके पीछे की वजह कोरोना संक्रमण का प्रसार बताया जा रहा है, बताया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश सरकार के औषधि विभाग ने ऐसा करने का आदेश जारी किया है।
इस कवायद के पीछे मकसद कोरोना वायरस की जांच के लिहाज से संवेदनशील इलाकों की पहचान करने में सहायता करना है,जिससे प्रशासन को कोरोना संक्रमितों का पता लगाने में आसानी होगी।
सभी दवा विक्रेताओं को आदेश दिए गए हैं कि वो मेडिकल स्टोर से खरीदी जाने वाली सर्दी, जुकाम और बुखार की दवाओं का बिक्री रिकॉर्ड रखें वहीं अगर दुकान पर कोई दवा लेने आता है तो ग्राहक का नाम, एड्रेस, मोबाइल नंबर जैसी जानकारी दवा विक्रेता को अपने पास लिखनी होगी और उसे डेली स्थानीय प्रशासन को देना भी होगा।
प्रदेश में कोरोना संक्रमितों की बढ़ रही संख्या को देखते हुए सरकार ने ये कदम उठाया है। महाराष्ट्र, बिहार,तेलंगाना,आंध्र प्रदेश और ओडिशा में ये आदेश पहले ही जारी हो चुका है।
दरअसल सरकार का मानना है कि लोग कोरोना के खौफ की वजह से इसका इलाज खुद ही करने की कोशिश कर सकते हैं, गुजरात में हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा को लेकर मेडिकल स्टोर्स में मारा मारी मच चुकी है क्योंकि उस वक्त ये कहा जा रहा था कि हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा कोरोना के इलाज के कारगर है।