नई दिल्ली: छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य में शराब की ऑनलाइन बिक्री और होम डिलीवरी की अनुमति दे दी है। दावा किया गया है कि इस फैसले से लॉकडाउन के दौरान शराब की कालाबाजारी को रोकने में मदद मिलेगी। हालांकि विपक्षी दलों ने इस कदम को 'असंवेदनशील' और 'गैर-जिम्मेदाराना' बताया है और कहा है कि सरकार को ऑक्सीजन और टीकों सहित आवश्यक चिकित्सा आपूर्ति की कमी को कम करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
लॉकडाउन के दौरान राज्य में शराब की दुकानें बंद हैं। आज से शराब की ऑनलाइन बिक्री और होम डिलीवरी की शुरुआत हो गई है। आबकारी विभाग के अधिकारी ने कहा, 'लॉकडाउन के दौरान शराब का अवैध उत्पादन, बिक्री, परिवहन को रोकने के लिए सोमवार से ऑनलाइन ऑर्डर पर होम डिलिवरी की अनुमति दी गई है।' अधिकारी के मुताबिक शराब की होम डिलिवरी के लिए सुबह नौ बजे से रात के आठ बजे तक की समय सीमा तय की गई है।
बुकिंग नहीं झेल सका ऐप
लोग ऐप के जरिए शराब की बुकिंग कर रहे हैं। आज सुबह 9 बजे से लोगों ने सरकार की तरफ से जारी CSMCL ऑनलाइन ऐप पर शराब के लिए ऑर्डर करना शुरू कर दिया। 'दैनिक भास्कर' की खबर के अनुसार, करीब 2 घंटे के भीतर ही इतने ऑर्डर आ गए कि ऐप क्रैश हो गया। ऐप का सर्वर अचानक हुए अधिक संख्या में डाउनलोड और ऑर्डर बुकिंग को एक साथ झेल न सका। बाद में लोग ऑर्डर करने के लिए जूझते रहे।
विपक्ष ने उठाए सवाल
छत्तीसगढ़ के आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने शनिवार को कहा था कि शराब की अवैध बिक्री और सैनिटाइजर व अल्काहोल आधारित दवाएं शराब की जगह पीने से होने वाली मौतों को रोकने के लिए सरकार शराब की होम डिलिवरी दोबारा शुरू करने पर विचार कर रही है। सरकार के इस फैसले की आलोचना करते हुए भाजपा नेता और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष धर्मलाल कौशिक ने कहा, 'राज्य सरकार का फैसला दिखाता है कि उसे लोगों के स्वास्थ्य की चिंता नहीं है। कोविड-19 मरीजों के इलाज की सुविधा जुटाने पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय वह शराब परोसने को प्राथमिकता दे रही है।'