- अजीत जोगी 1968 में सिविल सर्विसेज की परीक्षा में सफल हुए और IPS बने, दो साल बाद ही IAS बने
- जोगी इंदौर और रायपुर के कलेक्टर रहे हैं जहां कलेक्टर के तौर पर भी उनका रिकॉर्ड यादगार रहा
- जोगी राजीव गांधी के संपर्क में उस वक्त आए जब वो इंडियन एयरलाइन्स के पायलट हुआ करते थे
Ajit Jogi News:छत्तीसगढ़ से शुक्रवार की दोपहर बड़ी खबर सामने आई, राज्य के पूर्व सीएम अजीत जोगी का निधन हो गया है, जोगी सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री रहे हैं, लेकिन क्या आपको पता है कि राजनीति में आने से पहले जोगी IAS अधिकारी थे और वो इंदौर और रायपुर जैसे अहम जिलों के कलेक्टर भी रहे हैं, बाद में राजनीति ज्वाइन करने के बाद वो मुख्यमंत्री के पद पर भी विराजमान रहे।
उन्होंने भोपाल से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई करके कुछ दिन रायपुर इंजीनियरिंग कॉलेज में अध्यापन का काम किया फिर वो 1968 में सिविल सर्विसेज की परीक्षा में सफल हुए और IPS बने, दो साल बाद ही वे IAS बन गए।
जोगी राजनीति में शायद पहले ऐसे व्यक्ति हैं जो आईपीएस और आईएएस दोनों के लिए चुने गए थे बताते हैं कि दो साल तक उन्होंने बतौर आईपीएस सेवा दी और फिर उसके बाद आईएएस बन गए।
कलेक्टर के तौर पर भी उनका रिकॉर्ड यादगार रहा है और वो इंदौर और रायपुर के कलेक्टर रहे हैं, उन्होंने 'द रोल ऑफ डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर' और 'एडमिनिस्ट्रेशन ऑफ पेरिफेरल एरियाज' नाम से दो किताबें भी लिखी हैं।
राजीव गांधी ने रात के करीब ढाई बजे फोन कर जोगी को जगाया था
जोगी उस समय राजीव गांधी के संपर्क में आए जब वे इंडियन एयरलाइन्स के पायलट हुआ करते थे और जोगी रायपुर के कलेक्टर बताते हैं कि जब राजीव गांधी रायपुर रुकते थे तो एयरपोर्ट पर जोगी खुद उनकी आवभगत के लिए पहुंच जाते थे इससे राजीव गांधी उनके खासे प्रभावित हुए थे।इंदौर से ही वे आईएएस छोड़कर राज्यसभा में चले गए इसके पीछे एक किस्सा है बताते हैं कि राजीव गांधी ने रात के करीब ढाई बजे फोन कर जोगी को जगाया था और कहा था कि आपको राज्यसभा जाना है, जोगी उस वक्त इंदौर के कलेक्टर थे।
जोगी छत्तीसगढ़ के पहले मुख्यमंत्री थे, वह साल 2000 से 2003 तक छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के तौर पर सेवारत रहे। साल 2009 के लोकसभा चुनावों में चुने जाने के बाद जोगी ने लोकसभा सदस्य छत्तीसगढ़ के महासामुंद निर्वाचन क्षेत्र के रूप में काम किया हालांकि वह 2014 के लोकसभा चुनावों में अपनी सीट बरकरार रखने में असफल रहे।