वाशिंगटन : संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में भारत की स्थायी सदस्यता का लंबे समय से विरोध करने वाले चीन ने एक बार फिर नई दिल्ली की राह में रोड़ा अटकाया है। वह सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता हासिल करने के भारत के दावे का समर्थन करने को तैयार नहीं है। चीन ने बुधवार को भारत के दावे पर अपना पुराना रुख दोहराया और इसके लिए 'पैकेज समाधान' पर जोर दिया। भारत और चीन ने संयुक्त राष्ट्र संस्था से जुड़े व्यापक विषयों पर चर्चा की है। इसके एक दिन बाद चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन का बयान आया है।
अभी यूएनएससी का अस्थायी सदस्य है भारत
चीन यूएनएससी का स्थायी सदस्य है जबकि भारत गत एक जनवरी को इस संस्था में दो वर्ष के लिए अस्थायी सदस्य बना है। अगस्त महीने में भारत यूएनएससी के अध्यक्ष के रूप में काम करेगा। दोनों देशों के बीच की बैठक के परिणामों और यूएनएससी में भारत की स्थायी सदस्यता के दावे के बारे में पूछे जाने पर वांग ने मीडिया से कहा कि मंगलवार की वर्चुअल बैठक में भारत और चीन ने सुरक्षा परिषद के मुद्दों पर विचार-विमर्श किया। उन्होंने कहा कि दोनों देशों ने बहुपक्षवाद, शांति अभियान और आतंकवाद पर एक-दूसर के विचार साझा किए।
लंबे समय से टालमटोल करता आया है चीन
उन्होंने कहा, 'यूएनएससी में जहां तक भारत की स्थायी सदस्यता का सवाल है, मैं इस मसले पर चीन का पुराना रुख दोहराता हूं। चीन यूएनएससी में सुधारों का समर्थन करता है लेकिन सुधारों से सुरक्षा परिषद की प्रभावोत्पादकता एवं उसकी शक्ति बढ़नी चाहिए। इस संस्था में प्रतिनिधित्व एवं विकासशील देशों की आवाज शामिल करना चाहिए ताकि छोटे और मध्यम आकार के देश यूएनएससी की निर्णय प्रक्रिया में भागीदारी करने का अवसर पाएं।'
'पैकेज समाधान' पर दिया है जोर
उन्होंने आगे कहा, 'इस पर व्यापक रूप से लोकतांत्रिक तरीके से चर्चा होनी चाहिए और एक पैकेज समाधान की तरफ बढ़ना चाहिए। यह पैकेज समाधान सभी पक्षों की चिंताओं एवं हितों के अनुरूप होना चाहिए।' बता दें कि चीन यूएनएससी के पांच स्थायी सदस्यों में शामिल है। भारत जब भी स्थायी सदस्यता का मुद्दा उठाता है तो वह उसकी राह में अड़ंगा लगा देता है। चीन चाहता है कि भारत के साथ पाकिस्तान को भी स्थायी सदस्यता मिले। यूएनएससी के चार स्थायी सदस्यों अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस और रूस भारत की स्थायी सदस्यता का समर्थन करते आए हैं। पाकिस्तान भी भारत की सदस्यता का विरोध करता है।